HNN/ चंबा
जिला चंबा में बिजली बोर्ड को अपनी सुस्त कार्यप्रणाली के चलते इन चार परियोजनाओं से हाथ धोना पड़ा है। बता दें कि बोर्ड प्रबंधन की ओर से प्रोजेक्ट निर्माण में देरी करने के चलते सरकार ने चंबा जिला में बिजली बिजली बोर्ड से निर्माणाधीन 67 मेगावाट क्षमता की चार परियोजनाएं छीन ली है। पूरे घटनाक्रम ने बोर्ड के चीफ इंजीनियर प्रोजेक्ट कार्यालय पर भी सवालिया निशान लगा दिया है।
बोर्ड से प्रोजेक्ट छिनने से अब इस कार्यालय का अस्तित्व भी खतरे में पड़ गया है। सीएम सुक्खू की मंजूरी के बाद अब राज्य पावर कारपोरेशन को साई कोठी एक और दो, देवी कोठी और हेल परियोजना का जिम्मा सौंपा गया है। ऊर्जा सचिव राजीव शर्मा ने बोर्ड के प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा को पत्र भेजकर चारों परियोजनाओं का रिकॉर्ड पावर कॉरपोरेशन को सौंपने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
अब पावर कॉरपोरेशन को परियोजनाएं देने से नए सिरे से निर्माण करने के लिए किसी बैंक के साथ समझौता किया जाएगा। पूर्व की जयराम सरकार ने जिला चंबा में 15 मेगावाट की साई कोठी एक, 18 मेगावाट की साई कोठी दो, 16 मेगावाट की देवी कोठी और 18 मेगावाट क्षमता की हेल परियोजना के निर्माण का जिम्मा अक्तूबर 2022 में राज्य बिजली बोर्ड को सौंपा था।
इसके लिए जर्मनी के केएफडब्ल्यू बैंक से 666 करोड़ की वित्तीय सहायता लेने के लिए नई दिल्ली में भारत सरकार और जर्मनी के बैंक के बीच समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ था। जिला चंबा के तीसा क्षेत्र में इन चार परियोजनाओं का निर्माण होना है। समझौते के तहत 80 मिलियन यूरो (लगभग 654 करोड़ रुपये) की वित्तीय सहायता राशि के साथ-साथ 1.5 मिलियन यूरो (लगभग 12 करोड़ रुपए ) का वित्तीय अनुदान शामिल था।