समय पर न्याय प्राप्त करना प्रत्येक नागरिक का अधिकार- न्यायमूर्ति

HNN / सोलन

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने कहा कि समय पर न्याय प्राप्त करना हर नागरिक का अधिकार है और इस दिशा में विधिक जागरूकता अत्यन्त महत्वपूर्ण है। न्यायमूर्ति ने कहा कि हमारा संविधान सभी नागरिकों को बराबरी के अधिकार प्रदान करता है। अधिकारों की एकरूपता सुनिश्चित बनाने और समाज के सभी विशेषकर कमज़ोर वर्गों को समय पर न्याय प्रदान करने के उद्देश्य से ही न्याय प्रणाली को जनसुलभ बनाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि न्याय व्यवस्था का उद्देश्य पीड़ित को समय पर उचित लाभ प्रदान करना है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि शिकायतकर्ता अथवा पीड़ित को अपने समीप के न्यायिक अधिकारी तक पहुंचाए। न्याय के अनुरूप उचित परामर्श प्रदान करने के लिए केन्द्रीय स्तर पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, प्रदेश स्तर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा जिला स्तर पर जिला स्तरीय विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यरत हैं।

न्यायमूर्ति ने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जन-जन विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों को विधिक सहायता उपलब्ध करवाकर उनके चिर लम्बित कानूनी मामलों को सुलझाना है। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से गरीब, पिछड़े एवं कमज़ोर वर्ग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग, महिलाएं, असहाय, बच्चे, बेसहारा नाबालिक बच्चे एवं बूढ़े माता-पिता सहित मानसिक रोगी एवं दिव्यांग, विभिन्न आपदाओं, जातीय हिंसा इत्यादि के पीड़ित, औद्योगिक श्रमिक, ट्रान्सजेंडर समुदाय, ऐसे व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय 03 लाख रुपए से कम है एवं एड्स पीड़ित व्यक्तियों को विधिक सेवा अधिनियम 1987 के अनुसार निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान की जाती है।

उन्होंने हितधारकों से संवाद में आग्रह किया कि विवाद को मध्यस्थता के माध्यम से निपटाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 12 मध्यस्थता केन्द्र कार्यरत हैं। इनमें से 11 केन्द्र जिला स्तर पर एवं 01 उच्च न्यायालय में कार्य कर रहा है।

 


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