शिमला में अब बिना अस्पताल की पर्ची के मेडिकल स्टोर से सीरिंज नहीं खरीदी जा सकेगी। यह आदेश उपायुक्त अनुपम कश्यप ने शनिवार को जिला स्तरीय एनकार्ड नार्को समन्वय केंद्र की बैठक में जारी किए। बैठक में नशे की रोकथाम के लिए कई सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया गया।
शिमला
अस्पताल की पर्ची और पहचान पत्र जरूरी
डीसी शिमला ने निर्देश दिए कि अब किसी भी मेडिकल स्टोर से सीरिंज लेने के लिए अस्पताल की पर्ची दिखाना अनिवार्य होगा। साथ ही, दुकानदार को खरीदार के पहचान पत्र की प्रतिलिपि लेकर उसका रिकॉर्ड रखना होगा। यह कदम नशे के बढ़ते दुरुपयोग पर नियंत्रण के उद्देश्य से उठाया गया है।
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शिक्षण संस्थानों में नशे के खिलाफ अभियान
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नवंबर माह में जिले के सभी शिक्षण संस्थानों में नशे के खिलाफ विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। पुलिस अधिकारी स्वयं विद्यालयों में जाकर वर्दी में विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे और उन्हें नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देंगे।
पंचायत स्तर पर सूचना तंत्र और ड्रोन निगरानी
पुलिस ने जन प्रतिनिधियों के सहयोग से पंचायत स्तर तक नशे के खिलाफ सूचना नेटवर्क तैयार कर लिया है। करीब 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। वहीं, अवैध भांग की खेती पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस अब ड्रोन तकनीक का उपयोग कर रही है।
एनजीओ को अनुमति लेना अनिवार्य
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने निर्देश दिए कि अब शिक्षण संस्थानों या पंचायत स्तर पर काम करने वाली एनजीओ को उपायुक्त कार्यालय से पूर्व अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति के कोई भी एनजीओ सरकारी अधिकार क्षेत्र में काम नहीं कर पाएगी।
501 गिरफ्तार, 224 मामले दर्ज
इस वर्ष अब तक एनडीपीएस एक्ट के तहत 224 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें 501 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 414 हिमाचल निवासी, 62 अन्य राज्यों के और 25 विदेशी नागरिक शामिल हैं। पुलिस ने 78 किलो 287 ग्राम चरस, 25 किलो अफीम, 7 किलो 342 ग्राम चिट्टा और अन्य नशे के पदार्थ बरामद किए हैं।
शिमला में अब बिना अस्पताल की पर्ची के मेडिकल स्टोर से सीरिंज नहीं खरीदी जा सकेगी। यह आदेश उपायुक्त अनुपम कश्यप ने शनिवार को जिला स्तरीय एनकार्ड नार्को समन्वय केंद्र की बैठक में जारी किए। बैठक में नशे की रोकथाम के लिए कई सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया गया।
शिमला
अस्पताल की पर्ची और पहचान पत्र जरूरी
डीसी शिमला ने निर्देश दिए कि अब किसी भी मेडिकल स्टोर से सीरिंज लेने के लिए अस्पताल की पर्ची दिखाना अनिवार्य होगा। साथ ही, दुकानदार को खरीदार के पहचान पत्र की प्रतिलिपि लेकर उसका रिकॉर्ड रखना होगा। यह कदम नशे के बढ़ते दुरुपयोग पर नियंत्रण के उद्देश्य से उठाया गया है।
शिक्षण संस्थानों में नशे के खिलाफ अभियान
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नवंबर माह में जिले के सभी शिक्षण संस्थानों में नशे के खिलाफ विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। पुलिस अधिकारी स्वयं विद्यालयों में जाकर वर्दी में विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे और उन्हें नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देंगे।
पंचायत स्तर पर सूचना तंत्र और ड्रोन निगरानी
पुलिस ने जन प्रतिनिधियों के सहयोग से पंचायत स्तर तक नशे के खिलाफ सूचना नेटवर्क तैयार कर लिया है। करीब 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। वहीं, अवैध भांग की खेती पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस अब ड्रोन तकनीक का उपयोग कर रही है।
एनजीओ को अनुमति लेना अनिवार्य
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने निर्देश दिए कि अब शिक्षण संस्थानों या पंचायत स्तर पर काम करने वाली एनजीओ को उपायुक्त कार्यालय से पूर्व अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति के कोई भी एनजीओ सरकारी अधिकार क्षेत्र में काम नहीं कर पाएगी।
501 गिरफ्तार, 224 मामले दर्ज
इस वर्ष अब तक एनडीपीएस एक्ट के तहत 224 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें 501 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 414 हिमाचल निवासी, 62 अन्य राज्यों के और 25 विदेशी नागरिक शामिल हैं। पुलिस ने 78 किलो 287 ग्राम चरस, 25 किलो अफीम, 7 किलो 342 ग्राम चिट्टा और अन्य नशे के पदार्थ बरामद किए हैं।
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