HNN / ऊना, वीरेंद्र बन्याल
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण व राष्ट्रीय महिला आयोग के तत्वावधान में ऊना में महिलाओं के लिए एक दिवसीय साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव विवेक खनाल ने कहा कि इन शिविरों को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं में कानूनी साक्षरता व जागरूकता पैदा करना है ताकि शीघ्र, सरल व सस्ता न्याय मिल सके।
विवेक खनाल ने कहा कि महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए कानून में बहुत सारे प्रावधान हैं तथा किसी महिला का अगर कोई शारीरिक शोषण करता है या अन्य किसी तरह से उसे अपमानित करता है तो वह अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता समझौता विवादों को निपटाने की सरल एवं निष्पक्ष प्रक्रिया है, जिसमें सभी पक्ष अपनी इच्छा से सद्भावना पूर्ण वातावरण का समाधान निकालते हैं तथा स्वेच्छा से अपनाते हैं, जोकि खर्च रहित होता है।
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मध्यस्थता समझौता प्रशिक्षित अधिकारी द्वारा करवाया जाता है। हिमाचल प्रदेश में 12 मध्यस्थता केंद्र कार्य कर रहे हैं, जिसमें 11 जिला स्तर न्यायालय तथा एक उच्च न्यायालय में स्थित है। खनाल ने कहा कि कोई भी व्यक्ति निःशुल्क सहायता प्राप्त करने के इच्छुक हैं, तो वह सादे कागज़ पर प्रार्थना पत्र जिला, उपमंडल या उच्च न्यायालय में मुफ्त कानूनी सहायता के लिए दे सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने किशोर अपराध व न्याय व्यवस्था, पत्नी, बच्चों व माता-पिता के खर्च व भरण पोषण के अधिकार, विवाहित महिलाओं पर अत्याचार एवं कानूनी प्रावधान के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी।
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