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राजकुमारी ने सिरमौर के अंतिम शासक की 69वीं पुण्यतिथि पर लगाया रक्तदान शिविर

PARUL | 31 अगस्त 2023 at 12:33 pm

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पापा की अंतिम इच्छा के लिए महल को खोला जाएगा आम लोगों के लिए

HNN/सिरमौर

हिमाचल की सिरमौर रियासत के अंतिम शासक राजेंद्र प्रकाश एवं महारानी दुर्गा कुमारी के दत्तक पुत्र उदय प्रकाश की 69वी जयंती पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है । सर्वजन से उनकी पुत्री महाराज कुमारी दिव्यश्री ने अनुरोध किया है कि इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिसा लें और पुण्य के भागीदारी बने।

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महाराजा उदय प्रकाश अपनी पुत्री दिव्यश्री कुमारी के साथ अक्सर नाहन आया करते थे।। नाहन से उनका गहरा लगाव रहा है। सिरमौर रियासत के राजमहल में उदय प्रकाश ने अपने हिस्से के राज महल का जीर्णोद्धार करवाया। महाराज उदय प्रकाश अंतिम शासक राजेंद्र प्रकाश के नाती भी थे, महाराजा राजेंद्र प्रकाश की मृत्यु के बाद उदय प्रकाश को महारानी दुर्गा कुमारी ने गोद ले लिया था।

अंग्रेजों ने सिरमौर शासकों को एक सनद दी थी जिससे विधवाओं को उत्तराधिकारी गोद लेने का अधिकार मिल गया था। राजमाता रसिका प्रकाश एवं पुत्री महराजकुमारी दिव्यश्री महाराज उदय प्रकाश के सपनो को साकार करने में पूरी निष्ठा से कार्य कर रहे हे। पुत्री नीलेश्वरी जो कैलिफोर्निया यूएसए में रहती है भी पूरा सहयोग कर रही ही । उनका विवाह उत्तर प्रदेश के तिरवा के राजघराने मैं हुआ है।

नाहन शहर के खेड़ा देवता का मूल स्थान भी शाही महल में स्थित है, हर साल देवता के दर्शनों हेतु शाही महल के कपाट भी महाराज उदय प्रकाश के निर्देश पर ही खुलते थे। खेड़ा देवता के मूल स्थान के साथ ही मां बाला सुंदरी का मंदिर भी मौजूद है। महराजकुमारी दिव्यश्री ने बताया कि उनके दाता की ईच्छा थी की शाही महल को आमजन के लिए खोला जाए , उनकी स्मृति में समय समय पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। रक्त दान शिवर पहला प्रयास है।

हेरिटेज टूरिज्म को बढ़ावा दिया जायगा। वो कहा करते थे की सिरमौर में 16 हेरिटेज इमारते हैं जिनका पर्यटकों के लिए आकर्षण है, इनका विशेष इतिहास है। वह हमेशा कहते थे कि 16 विरासत इमारतों और सिरमौर के समृद्ध इतिहास के देखने पर्यटकों को आना चाहिए और यादों को अपने साथ ले जाना चाहिए। इसलिए शमशेरे विला राउंड में दस बेडरूम का जंगल लॉज 2018 में खोला गया था।

महल का नवीनीकरण भी उनकी दिशा निर्देश में हो रहा था। उन्होंने हमेशा नाहन के लोगों को अपने विस्तारित परिवार के रूप में सोचा और उन्हें महल के प्रवेश द्वार के अंदर अनुमति दी जानी चाहिए और आध्यात्मिक रूप से इच्छुक होने के कारण उन्होंने जनता को हर साल नगर देवता खेड़े के महाराज के दर्शन करने की अनुमति देने के लिए महल के दरवाजे खोल दिए।

महराज उदय प्रकाश जी का जन्म 30अगस्त 1954 को हुआ। करीब 68 वर्ष की आयु में उनका देहांत सिरमौर हाउस देहरादून में 23 फरवरी 2023 को हृदय गति रुकने से हुआ। 69वी जयंती के अवसर पर रक्त दान शिवर का अयोजन शाही महल में किया जा रहा है।

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