HNN/ चंबा
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू रविवार रात्रि चंबा जिले में अन्तर्राष्ट्रीय मिंजर मेले के समापन समारोह के अवसर पर सांस्कृतिक संध्या में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने उपस्थित जनों को मिंजर मेले की शुभकामनाएं दीं तथा प्रदेशवासियों के सुखद भविष्य की कामना भी की। इस अवसर पर उन्होंने मेला आयोजन समिति की ओर से प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार चंबा जिले के विकास के लिए अनेक प्रभावी कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय चंबा के निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए वर्तमान सरकार द्वारा अभी तक 160 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार द्वारा सिंहुता-लाहडू सड़क को डबल लेन करने के लिए 52 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं, जिससे क्षेत्र के लोगों को बेहतर परिवहन सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार चुवाड़ी-चंबा सुरंग की संभावनाएं तलाशने के लिए सर्वेक्षण करवायेगी तथा इसके लिए आवश्यक धनराशि भी उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र के लोगों को आवाजाही में काफी सुविधा होगी तथा उनके समय एवं धन की भी बचत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने अनेकों कर्मचारी हितैषी निर्णय लिए हैं तथा एनपीएस कर्मचारियों को पुरानी पेंशन प्रदान की गई है, ताकि वृद्धावस्था में वे सम्मानजनक जीवन-यापन कर सकें।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार को 75 हजार करोड़ रुपए का ऋण तथा कर्मचारियों तथा पैंशनरों के एरियर के रूप में 11,000 करोड़ रुपये की देनदारियां विरासत में मिली हैं। इसके बावजूद सरकार ने अपने कर्मचारियों को ओपीएस प्रदान की है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए भी सरकार अनेक कदम उठा रही है। अनाथ बच्चों के उत्थान के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना आरम्भ की गई है तथा इससे लगभग 6000 पात्र बच्चे लाभान्वित होंगे।
राज्य सरकार उन्हें अनिवार्य व व्यावसायिक शिक्षा, रहन-सहन तथा अन्य सुविधाएं सुनिश्चित कर रही है तथा इन बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया गया है। मुख्यमंत्री ने इससे पूर्व राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय चम्बा का निरीक्षण किया तथा संबंधित एजेंसियों को निर्माण गतिविधियों में तेजी लाने के निर्देश दिए। अंतिम सांस्कृतिक संध्या में गायक कैलाश खैर ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी।