ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुदृढ़ की जाएगी महिलाओं की भागीदारी – राघव शर्मा

HNN / ऊना, वीरेंद्र बन्याल

महिला स्वयं सहायता समूहों की कार्यप्रणाली, उनके खातों का लेखा-जोखा और उन्हें पेश आ रही समस्याओं के बारे में जानने के लिए आज डीसी राघव शर्मा की अध्यक्षता में डीआरडीए सभागार में एक बैठक का आयोजन किया गया। डीसी राघव शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रुप से सबल और आत्मनिर्भर बनाने के लिए यथासंभव प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सरकार और प्रशासन के प्रयासों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इस मौके पर डीसी ने महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ विचार सांझा करते हुए उनके उत्पादों, निर्माण पर होने वाली कुल लागत, लेखा-जोखा रखने की व्यवस्था और उत्पादों की मार्केटिंग कोे लेकर पेश आ रही समस्याओं को जाना और उन्हें आश्वासन दिया कि प्रशासन की ओर से उनकी समस्याओं के निदान के लिए हर संभव मदद की जाएगी।

उन्होंने बताया कि जिला ऊना के एसएचजी के उत्पादों को सोमभद्रा ब्रांड से बेचने की सुविधा प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि यह ब्रांड जिला ऊना के स्वयं सहायता समूहों के लिए ही है और इस ब्रांड का प्रयोग जिला प्रशासन और डीआरडीए की अनुमति के उपरांत ही किया जा सकता है। स्थानीय एमसी पार्क के पास विक्रय एवं प्रदर्शनी के माध्यम से इन उत्पादों को बेचने के लिए स्टाल लगाए गए हैं।

 डीसी राघव शर्मा ने सोमभद्रा ब्रांड के तहत जिलाभर में कार्य कर रहे बेहतरीन स्वयं सहायता समूहों की सूची और उनके द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों की विस्तृत रिपोर्ट 15 नवंबर तक प्रस्तुत करने के विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक उत्पाद का मूल्य हर समूह स्तर पर एक समान हों। इस अवसर पर एडीसी डाॅ अमित कुमार शर्मा और परियोजना अधिकारी डीआरडीए संजीव ठाकुर सहित अन्य उपस्थित रहे।


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