ऊना/वीरेंद्र बन्याल
कारीगरों को आधुनिक तकनीक से जोड़कर आजीविका मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम
25 आवेदनों को मिला सत्यापन, भेजे गए अनुमोदन को
उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने जानकारी दी कि जिले में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 25 कारीगरों के आवेदनों को सत्यापित कर योजना पोर्टल पर अनुमोदन के लिए अग्रसारित किया गया है। यह निर्णय जिला स्तरीय समिति की बैठक में लिया गया, जिसमें दूसरे चरण में सत्यापित आवेदनों को समीक्षा के बाद स्वीकृति के लिए भेजा गया।
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पारंपरिक कारीगर जल्द करें पंजीकरण
उपायुक्त ने जिले के सभी पारंपरिक कारीगरों से अपील की कि वे योजना के पोर्टल www.pmvishwakarma.gov.in पर जल्द से जल्द पंजीकरण कराएं और योजना से मिलने वाले आर्थिक, तकनीकी और प्रशिक्षण संबंधी लाभों का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि यह योजना कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाकर उनके पारंपरिक व्यवसायों को नया आयाम देगी।
कदम-दर-कदम सत्यापन प्रक्रिया
इस योजना के तहत आवेदन की प्रक्रिया को चार चरणों में विभाजित किया गया है। पहले चरण में पोर्टल पर आवेदन करना होता है जिसमें आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, बैंक विवरण आदि अपलोड किए जाते हैं। दूसरे चरण में आवेदन स्थानीय ग्राम पंचायत या शहरी निकाय को भेजा जाता है जो कारीगर की शिल्पकारी का भौतिक सत्यापन करता है। तीसरे चरण में यह आवेदन जिला स्तरीय समिति के पास भेजे जाते हैं जो उपायुक्त की अध्यक्षता में समीक्षा करती है। अंतिम चरण में पोर्टल पर अंतिम मंजूरी के बाद प्रमाण पत्र, पहचान पत्र जारी होते हैं और कारीगरों को ऋण, औजार तथा प्रशिक्षण की सुविधा दी जाती है।
किन्हें मिलेगा लाभ
इस योजना के तहत बढ़ई, सुनार, लोहार, दर्जी, धोबी, राजमिस्त्री, मोची, कुम्हार, टोकरी बनाने वाले, खिलौना निर्माता, नाई जैसे 18 पारंपरिक समुदायों को शामिल किया गया है। इन कारीगरों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
बैठक में रहे अधिकारी मौजूद
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक उद्योग अंशुल धीमान, एक्सटेंशन अधिकारी अंकित भाटिया, विप्लव राणा, डोमेन विशेषज्ञ ओम प्रकाश, जयदेव सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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