Himachalnow / Shimla
- बीएड की अवधि बढ़कर 4 साल होगी: शैक्षिक सत्र 2025-26 से बीएड डिग्री 4 साल की होगी।
- 12वीं के बाद होगा प्रवेश: अब 12वीं कक्षा पास करने के बाद छात्र-छात्राएं बीएड में दाखिला ले सकेंगे।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन: यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के तहत लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश में अब बीएड (Bachelor of Education) की डिग्री 4 साल की होगी। वर्तमान में यह कोर्स 2 साल का होता है, लेकिन आगामी शैक्षिक सत्र 2025-26 से इसे 4 साल के कोर्स में बदला जाएगा। इस बदलाव के तहत 12वीं कक्षा पास करने के बाद छात्र-छात्राएं बीएड में दाखिला ले सकेंगे। यह निर्णय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा हाल ही में की गई घोषणा के बाद लिया गया है, और शिक्षा विभाग ने इसके लिए आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
12वीं के बाद बीएड में प्रवेश का नया अवसर
हिमाचल प्रदेश में पहले बीएड में प्रवेश लेने के लिए छात्रों को स्नातक डिग्री (Bachelor’s degree) पूरी करनी होती थी। लेकिन अब 12वीं कक्षा के बाद भी छात्र-छात्राएं इस कोर्स में प्रवेश ले सकेंगे। यह कदम राज्य में शिक्षा के स्तर को सुधारने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अनुसार अध्यापक प्रशिक्षण के लिए आवश्यक सुधारों को लागू करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
कितनी महत्वपूर्ण है यह घोषणा?
मुख्यमंत्री ने शिमला जिले के कोटी क्षेत्र में इस योजना का एलान किया था, और शिक्षा विभाग ने इसकी रूपरेखा तैयार करना शुरू कर दिया है। विभाग ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) को निर्देश जारी किए हैं कि वह नए पाठ्यक्रम को जल्द से जल्द अंतिम रूप दे।
सत्र 2025 से होगा लागू
जून 2025 में जब कॉलेजों में नया शैक्षिक सत्र शुरू होगा, तब से बीएड का नया 4 साल का कोर्स लागू हो जाएगा। इसे शुरू में कुछ चुनिंदा कॉलेजों में लागू किया जाएगा, और बाद में यह सभी कॉलेजों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इस नए पाठ्यक्रम के तहत छात्रों को बेहतर शिक्षक प्रशिक्षण देने के लिए अतिरिक्त स्टाफ भी उपलब्ध कराया जाएगा।
2030 तक की योजना और शिक्षक भर्ती के बदलाव
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 2030 तक शिक्षक भर्ती के लिए केवल 4 साल की डिग्री को ही मान्यता दी जाएगी। इसके मद्देनजर, वर्तमान में दो साल की बीएड डिग्री रखने वाले टीजीटी और स्कूल लेक्चरर के उम्मीदवारों के लिए नए नियमों की आवश्यकता होगी।
इस संदर्भ में, राज्य सरकार विचार कर रही है कि इन बीएड डिग्रीधारकों को ब्रिज कोर्स (bridge course) के माध्यम से आवश्यक शैक्षिक मानक पूरा करवाए जाएं। विधि विभाग से इस मुद्दे पर राय ली जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मौजूदा 2 साल की डिग्री धारक बेरोजगारों को भी रोजगार के अवसर मिल सकें।
नए कोर्स के लिए तैयारियां
शिक्षा विभाग ने अब तक के चरण में आवश्यक तैयारी शुरू कर दी है। विभाग के निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा ने बताया कि इस बदलाव के लिए स्कूलों में अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था की जाएगी और एक विस्तृत योजना के तहत इसे लागू किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में बीएड डिग्री को 4 साल का बनाने का कदम शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लेकर आएगा। यह कदम न केवल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप है, बल्कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षक प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है। 12वीं के बाद बीएड में प्रवेश का अवसर छात्रों के लिए एक नया रास्ता खोलेगा, जिससे वे पहले से ज्यादा तैयारी और प्रशिक्षित होकर शिक्षक बन सकेंगे।