नई परीक्षा व्यवस्था से छात्रों की स्किल्स का सही आकलन होगा
हिमाचल प्रदेश में एमबीबीएस परीक्षा में अब एक महत्वपूर्ण बदलाव किया जा रहा है, जो मेडिकल छात्रों के लिए नई चुनौती पेश करेगा। इस बदलाव के तहत परीक्षा में 90% सब्जेक्टिव (वर्णनात्मक) सवाल पूछे जाएंगे, जबकि केवल 10% सवाल मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन (MCQ) के रूप में होंगे।
पहले की प्रणाली में बदलाव
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इससे पहले, एमसीक्यू सवालों की संख्या 20% और सब्जेक्टिव सवालों की संख्या 80% होती थी। अब इस अनुपात को बदलकर 90% सब्जेक्टिव और 10% ऑब्जेक्टिव सवालों का नया सिस्टम लागू किया जाएगा। यह बदलाव अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसलिंग बैठक में मंजूर हुआ है और अब इसे बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट से मंजूरी के लिए भेजा गया है। जैसे ही इसे मंजूरी मिलती है, यह नई प्रणाली हिमाचल प्रदेश में लागू हो जाएगी।
बदलाव क्यों आवश्यक था?
अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. सुरेंद्र कश्यप ने इस बदलाव के महत्व को स्पष्ट किया। उनका कहना है कि मेडिकल शिक्षा में निरंतर परिवर्तन होते रहते हैं और यह बदलाव इस दिशा में एक कदम है, जो छात्रों की स्किल्स का सही मूल्यांकन करने में मदद करेगा।
डॉ. कश्यप ने कहा, “अगर हम परीक्षा में ज्यादा एमसीक्यू सवाल रखते हैं, तो यह छात्रों की गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता को सही तरीके से नहीं माप सकता। इसलिए, 90% सब्जेक्टिव सवाल और 10% ऑब्जेक्टिव सवालों का यह नया फॉर्मेट छात्रों की स्किल्स और ज्ञान का बेहतर मूल्यांकन करेगा।”
समय से पहले छात्रों को मिलेगा नोटिफिकेशन
डॉ. कश्यप ने यह भी बताया कि नई व्यवस्था लागू होने से पहले छात्रों को इसकी जानकारी समय से दी जाएगी, ताकि वे अपनी तैयारी को इस नए फॉर्मेट के हिसाब से तैयार कर सकें। यह छात्रों को परीक्षा की प्रक्रिया के लिए उचित समय पर तैयार होने का मौका देगा और साथ ही परीक्षा के पारदर्शी होने में भी मदद करेगा।
अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी का उद्देश्य
अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी का उद्देश्य इस बदलाव के जरिए छात्रों की स्किल्स और ज्ञान के आकलन को और बेहतर बनाना है। डॉ. कश्यप के अनुसार, यह बदलाव छात्रों को अधिक समग्र तरीके से तैयार करने में मदद करेगा, जिससे उन्हें भविष्य में पेशेवर जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में आसानी होगी।
बदलाव के संभावित प्रभाव
इस बदलाव का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि छात्र अधिक गहन और विश्लेषणात्मक तरीके से परीक्षा में उत्तर देंगे, जिससे उनका समग्र विकास होगा। सब्जेक्टिव सवालों की संख्या में वृद्धि छात्रों को विचारशील और समाधान-आधारित सोच विकसित करने के लिए प्रेरित करेगी। इससे केवल उनकी नॉलेज ही नहीं, बल्कि उनके प्रोफेशनल स्किल्स भी बेहतर होंगे, जो मेडिकल पेशे में सफलता के लिए आवश्यक हैं।
निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश में एमबीबीएस परीक्षा में किए गए इस बड़े बदलाव से न केवल छात्रों के लिए परीक्षा की प्रक्रिया और अधिक व्यवस्थित होगी, बल्कि यह मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सुधार साबित हो सकता है। यह बदलाव छात्रों को अधिक समग्र रूप से तैयार करने का अवसर देगा, जिससे भविष्य में पेशेवर डॉक्टरों की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
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