ऊना में स्वच्छ एवं हरित विद्यालय रेटिंग (एसएचवीआर) कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्तरीय समिति की बैठक उपायुक्त जतिन लाल की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में विद्यालयों में स्वच्छता, जल संरक्षण और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को प्रोत्साहित करने पर विस्तृत चर्चा की गई।
ऊना/वीरेंद्र बन्याल
विद्यालयों में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर जोर
उपायुक्त जतिन लाल ने कहा कि एसएचवीआर कार्यक्रम विद्यार्थियों में स्वच्छता, पर्यावरणीय जागरूकता और सतत विकास की भावना को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि विद्यालयों में जल संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन और हरित प्रथाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जाए, ताकि विद्यार्थियों को एक स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मिल सके।
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सभी विद्यालयों का पंजीकरण और मूल्यांकन पूरा
उप निदेशक स्कूल शिक्षा (गुणवत्ता) नीलम कुमारी ने बताया कि ऊना जिले के सभी सरकारी और कुछ निजी विद्यालयों का एसएचवीआर पोर्टल और मोबाइल ऐप के माध्यम से पंजीकरण कर लिया गया है। विद्यालयों ने स्वच्छता, जल उपयोग, अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरणीय व्यवहार जैसे मानकों पर स्व-मूल्यांकन रिपोर्ट अपलोड की है।
ग्रामीण और शहरी श्रेणियों में विभाजन
मूल्यांकन के लिए विद्यालयों को चार श्रेणियों — ग्रामीण श्रेणी-एक (बाल वाटिका से 8वीं तक), ग्रामीण श्रेणी-दो (9वीं से 12वीं तक), शहरी श्रेणी-एक (बाल वाटिका से 8वीं तक) और शहरी श्रेणी-दो (9वीं से 12वीं तक) — में विभाजित किया गया है। इनमें से छह ग्रामीण और दो शहरी विद्यालयों का चयन 15 नवंबर तक राज्य स्तरीय प्रक्रिया के लिए किया जाएगा।
उत्कृष्ट विद्यालयों को मिलेगा सम्मान
मूल्यांकन के उपरांत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों को “स्वच्छ एवं हरित विद्यालय रेटिंग 2025-26” के अंतर्गत सम्मानित किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि यह पहल न केवल स्कूलों को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि बच्चों के माध्यम से समाज में भी स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश फैलाएगी।
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