शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और बच्चों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने देशभर में 100 नए सैनिक स्कूल खोलने का ऐलान किया है। यह घोषणा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को केरल के अलप्पुझा में विद्याधिराज विद्यापीतम सैनिक स्कूल के वार्षिक समारोह के दौरान की।
हर जिले में सैनिक स्कूल स्थापित करने की योजना
रक्षा मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने भारत के हर जिले में सैनिक स्कूल स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है, बल्कि दूरदराज के क्षेत्रों और विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर प्रदान करना भी है।
उन्होंने यह भी बताया कि अब सैनिक स्कूलों में लड़कियों के दाखिले का मार्ग भी प्रशस्त कर दिया गया है, जिससे लैंगिक समानता को प्रोत्साहन मिलेगा।
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सैनिकों के गुण और समर्पण
राजनाथ सिंह ने सैनिकों के गुणों पर जोर देते हुए कहा कि एक सैनिक केवल युद्ध के लिए नहीं जाना जाता, बल्कि उनमें अनुशासन, आत्म-नियंत्रण, निस्वार्थ सेवा और समर्पण जैसे विशेष गुण होते हैं। उन्होंने कहा कि ये गुण भारत के महान व्यक्तित्वों जैसे स्वामी विवेकानंद, आदि शंकराचार्य, और राजा रवि वर्मा में भी देखे जाते हैं, जिन्होंने सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक क्षेत्रों में सुधार किए।
शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के स्वास्थ्य, संचार, उद्योग और रक्षा जैसे क्षेत्रों में प्रगति के लिए शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाने और बच्चों के सर्वांगीण विकास की जरूरत है। सैनिक स्कूल इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और आत्मनिर्भर भारत की ओर देश को मजबूती से आगे ले जाएंगे।
यह पहल न केवल बच्चों के व्यक्तित्व को निखारेगी, बल्कि देश के समग्र विकास में भी अहम योगदान देगी।
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