8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में जबरदस्त बढ़ोतरी की संभावना है, लेकिन इससे सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ भी पड़ेगा।
8th Pay Commission की सिफारिशें और सरकार का संकेत
सरकार ने संकेत दिए हैं कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में शामिल नहीं किया गया है। इसके पीछे कारण यह है कि रिपोर्ट को प्रस्तुत करने और उसके बाद स्वीकृत होने में एक और साल लग सकता है।
रिपोर्ट की प्रस्तुति और स्वीकृति की समय सीमा
- वित्त वर्ष 2026 के बजट में 8वें वेतन आयोग के प्रभाव को नहीं शामिल किया गया है।
- व्यय सचिव मनोज गोविल के अनुसार, आयोग की रिपोर्ट मार्च 2026 तक आ सकती है।
आयोग के गठन की तारीख और अनुमानित समय
संदर्भ की शर्तों के मंजूर होने के बाद, आयोग काम शुरू करेगा, और इसे पूरा करने में एक साल से अधिक समय लग सकता है, जैसा कि पिछले आयोगों के साथ हुआ था।
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आयोग के गठन के बाद अनुमानित समय
- अगर आयोग मार्च 2025 तक सेटअप होता है, तो रिपोर्ट मार्च 2026 तक तैयार हो सकती है।
- रिपोर्ट को 2027 में मंजूरी मिल सकती है, और 1 जनवरी 2026 से प्रभावी हो सकती है।
8th Pay Commission के लागू होने पर अतिरिक्त लागत का अनुमान
8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद सरकारी खर्च में काफी वृद्धि हो सकती है। व्यय सचिव गोविल के अनुसार, आयोग को अपनी सिफारिशें बनाते समय सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखना होगा।
आयोग का कार्य और अनुमानित लागत
- आयोग की सिफारिशों में सरकार की आर्थिक स्थिति और अर्थव्यवस्था की परिस्थितियों को ध्यान में रखा जाएगा।
- सातवें वेतन आयोग के तहत कुछ लागत का अनुमान है, लेकिन हर आयोग अलग होता है, और हर बार नए संदर्भ सामने आते हैं।
8th Pay Commission का असर 2027 तक
- 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2027 में लागू हो सकती हैं।
- 2026 के अंत तक बकाया भुगतान किया जा सकता है, जिससे 2026-27 तक अतिरिक्त खर्च हो सकता है।
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