प्रदेश को कर्जदार बनाने में भाजपा और कांग्रेस बराबर जिम्मेवार-सुभाष शर्मा
HNN / नाहन
चुनावी वर्ष शुरू होते ही प्रदेश की सत्ता पर भाजपा-कांग्रेस के अलावा तीसरी दावेदारी भी प्रबल हो रही है। हालांकि प्रदेश में आम आदमी पार्टी भी दस्तक दे रही है, मगर प्रदेश में राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर हिमाचल रीजनल एलाइंस ने भी 2022 की दावेदारी ठोक दी है। वीरवार को नाहन के महक रेस्त्रां में एचआरए पार्टी यानी हिमाचल रीजनल एलाइंस के द्वारा पत्रकार वार्ता रखी गई। एचआरए पार्टी के स्टेट पॉलिटिकल कोऑर्डिनेटर तथा हिमाचल जन क्रांति के अध्यक्ष सुभाष शर्मा ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए 68 विधानसभा सीटों पर सीधे-सीधे भाजपा और कांग्रेस को चुनौती दे दी है।
उन्होंने कहा कि चाहे कांग्रेस की सरकार रही हो या भाजपा की, सभी केंद्र की कठपुतलियां रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली से संचालित होने वाली प्रमुख पार्टियों के द्वारा प्रदेश का सीएम और विधायकों के टिकट डिसाइड होते हैं। यही वजह है कि इन प्रमुख पार्टियों के दम पर बनने वाले मुख्यमंत्री पूरी तरह से दिल्ली के कब्जे में होते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश को 65000 करोड़ का कर्जाई बना दिया है। प्रदेश के विकास में मुख्यमंत्री बार-बार भारी कर्ज का बहाना भी बनाते हैं। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से सवाल उठाते हुए कहा कि पहले यह बताया जाए कि प्रदेश ने अन्य राज्यों से लेना कितना है।
सुभाष शर्मा ने खुलासा करते हुए कहा कि अकेले बीबीएमबी से हिमाचल प्रदेश में 15000 करोड रुपए लेने हैं। इस प्रकार अन्य राज्यों से भी हजारों करोड़ों की लेनदारी बकाया है। उन्होंने इसकी बड़ी वजह यह भी बताई कि प्रदेश के चार एमपी 55 एमपी के आगे बौने साबित होते हैं। जिसकी वजह से मोदी हो चाहे सोनिया गांधी 55 का साथ देंगे ना कि चार एमपी का। अब यदि प्रदेश की अपनी ही पार्टी का मुख्यमंत्री होगा और अपनी ही पार्टी के विधायक तो निश्चित ही प्रदेश स्वाबलंबी के साथ कभी भी कर्जदार नहीं होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि वे एक डिक्लेरेशन दें कि अन्य राज्यों से प्रदेश ने लेना कितना है। सुभाष शर्मा ने रेणुकाजी डैम को लेकर भी प्रदेश सरकार को घेरा।
उन्होंने कहा कि अपने ही संसाधन होने के बावजूद प्रदेश को केवल इस डैम में 12 फ़ीसदी की हिस्सेदारी मिल रही है जबकि 88 परसेंट बाहरी राज्यों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वे अपने संसाधनों पर पहले प्रदेश हित देखेंगे। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि आज पोंग बांध के विस्थापितों की समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं निकल पाया है। उन्होंने दावा किया कि यदि प्रदेश में उनकी सरकार बनती है तो इस समस्या का भी 3 माह के भीतर समाधान निकाल कर दिखा देंगे। सुभाष शर्मा ने कहा कि हिमाचल रीजनल एलाइंस 4 राजनीतिक और चार सामाजिक संगठनों का गठबंधन है।
उन्होंने कहा कि यह सभी गठबंधन प्रदेश के अपने हैं। सुभाष शर्मा ने कहा कि प्रदेश के 68 विधानसभा सीटों पर एचआरए 70 फ़ीसदी 35 वर्ष से कम युवाओं को तथा 15 फ़ीसदी सिटिंग अथवा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को टिकट देंगे। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि प्रदेश को गरीब और कर्जदार बनाने में दिल्ली शासित पार्टियों की जगह अब प्रदेश की अपनी पार्टी प्रदेश को कर्ज मुक्त करने के साथ-साथ प्रदेश के पैसे को भी अन्य राज्यों से लेने में कामयाब होगी। पत्रकार वार्ता में एचआरए पार्टी के राज्य सचिव विरेंद्र, एचआरए महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अक्षिता, हिमाचल जन क्रांति पार्टी शिमला लोकसभा क्षेत्र प्रभारी भीम दत्त शर्मा, एचआरए के प्रदेश उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
बरहाल, आम आदमी पार्टी के बाद जिस प्रकार प्रदेश में पहली बार अन्य राज्यों से हजारों करोड़ों की लेनदारी को लेकर एचआरए पार्टी ने तुरुप का इक्का खेला है उससे दोनों प्रमुख दलों में कांग्रेस को ज्यादा बल्कि सत्ता में बैठी भाजपा को कम नुक्सान होता हुआ नजर आता है। अभी तो चुनावी वर्ष की शुरुआत हुई है देखना यह होगा चुनावी बरसात में और कितने अलग-अलग राग सुनाई देंगे।