Earthquake : भारी बारिश से प्रभावित हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार सुबह भूकंप के झटकों ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी। चम्बा और आसपास के इलाकों में आए इस भूकंप की तीव्रता भले ही हल्की थी, लेकिन लोगों में डर और असुरक्षा का माहौल बन गया है। मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन की ओर से कोई नुकसान नहीं होने की पुष्टि की गई है।
शिमला
रिक्टर स्केल पर 3.5 तीव्रता, केंद्र चम्बा जिले में दर्ज हुआ
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हिमाचल प्रदेश भूकंप के जोन 4 और 5 में शामिल
शुक्रवार सुबह 6:23 बजे चम्बा और इसके आसपास के क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 3.5 मापी गई और इसका केंद्र चम्बा जिले में 5 किलोमीटर गहराई में था। झटके कुछ सेकंड तक महसूस किए गए, लेकिन किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है।
1905 में आए विनाशकारी भूकंप की यादें आज भी ताजा
हिमाचल प्रदेश भूकंप के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील जोन-4 और जोन-5 में आता है। इतिहास में सबसे भयानक भूकंप वर्ष 1905 में कांगड़ा और चम्बा में आया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद से यहां बार-बार आने वाले हल्के भूकंप लोगों में डर और चिंता बढ़ाते रहे हैं।
मानसून का कहर जारी, 91 की मौत, मंडी में सबसे ज्यादा तबाही
प्रदेश में मानसून ने इस बार 20 जून को समय से पहले दस्तक दी थी और तब से लगातार वर्षा हो रही है। जुलाई में सामान्य से 23% अधिक बारिश दर्ज की गई है। अब तक मानसून से जुड़ी घटनाओं में 91 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से 21 मौतें मंडी जिले में हुई हैं। 30 जून की रात बादल फटने की 12 घटनाओं ने भारी तबाही मचाई थी।
प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि भारी बारिश और भूकंप जैसी आपदाओं को देखते हुए सतर्क रहें। नदी-नालों से दूर रहें और पहाड़ी क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचें। मौसम विभाग ने 16 जुलाई तक येलो अलर्ट जारी किया है।
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