जीएसटी फर्जीवाड़ा : परवाणू जीएसटी साउथ जोन की टीम ने ₹100 करोड़ के फर्जी बिलिंग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जो हिमाचल, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में फैला हुआ था। आरोपी नकली GST नंबरों के जरिए राज्यों को करोड़ों का चूना लगा चुका था और अब सलाखों के पीछे है।
परवाणू
उच्च न्यायालय से आदेश के बाद आरोपी पर फिर से कसा शिकंजा
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रेलवे फर्जी बिल से शुरू हुआ धंधा पहुंचा ₹100 करोड़ के कारोबार तक
परवाणू स्थित जीएसटी साउथ जोन की टीम ने एक ऐसे व्यापारी को गिरफ्तार किया है, जिसने अपने और रिश्तेदारों के नाम पर कई फर्जी GSTIN नंबर बनवाकर तीन राज्यों में बड़ा जीएसटी घोटाला किया। आरोपी ने उच्च मांग वाली वस्तुओं जैसे लोहा, सीमेंट, सीसा, स्क्रैप और पेट्रोलियम से संबंधित नकली बिल तैयार कर 30 से अधिक डीलरों को लाभ पहुंचाया।
फर्जी बिलों की ‘होम डिलीवरी’ कर लगाई सरकार को चपत
आरोपी का गोरखधंधा सिर्फ बिलिंग तक सीमित नहीं था, वह नकली बिलों की डिलीवरी हिमाचल में होम सर्विस के माध्यम से करता था ताकि राज्य सरकार के राजस्व को चुपचाप नुकसान पहुंचाया जा सके। यह नेटवर्क अब तक करीब ₹100 करोड़ के टर्नओवर तक पहुंच चुका था, जिसमें केंद्रीय और राज्य करों की बड़ी चोरी सामने आई है।
विभिन्न एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई से बड़ा खुलासा
जीएसटी साउथ जोन परवाणू की गहन खुफिया जांच और कार्रवाई के बाद आरोपी पर अप्रैल 2022 में ₹10 करोड़ से अधिक टैक्स जमा करने का आदेश दिया गया था। आरोपी ने अदालत का सहारा लिया लेकिन अंततः उसे राशि जमा करने के लिए मजबूर किया गया। इसके बाद DGGI चंडीगढ़ और दिल्ली की टीमें भी सक्रिय हुईं और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी गिरफ्तार, सभी GST नंबर रद्द, आगे की जांच जारी
संयुक्त आयुक्त जीएसटी साउथ जोन परवाणू जीडी ठाकुर ने बताया कि आरोपी पर अब CGST के तहत भी टैक्स लंबित है और सभी GST नंबर रद्द कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि जीएसटी विभाग फर्जीवाड़े के खिलाफ सख्ती से काम कर रहा है और आने वाले समय में ऐसी धोखाधड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
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