हिमाचल के ऊना जिले में पहली बार अत्याधुनिक कोरी रोबोटिक सिस्टम से जोड़ प्रत्यारोपण की शुरुआत हुई है। अब मरीजों को बिना बड़े शहर जाए, अपने जिले में ही एआई तकनीक आधारित विश्वस्तरीय ऑर्थोपेडिक सर्जरी की सुविधा मिल सकेगी।
ऊना/वीरेंद्र बन्याल
डॉ. रितेश कुमार सोनी ने लॉन्च की कोरी रोबोटिक प्रणाली
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शिवम ऑर्थोकेयर अस्पताल, ऊना ने हिमाचल और पंजाब क्षेत्र के मरीजों के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में कोरी (CORI) नामक एआई-संचालित रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सिस्टम की शुरुआत की है। यह तकनीक ऑर्थोपेडिक सर्जरी में शुद्धता, कम दर्द और तेज रिकवरी की दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव लेकर आई है। इसका लाभ यह होगा कि मरीज कम समय में स्वस्थ होकर जल्दी सामान्य दिनचर्या में लौट सकेंगे।
हिमाचल में पहली बार एआई आधारित उन्नत तकनीक
अस्पताल के प्रबंध निदेशक व वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. रितेश कुमार सोनी ने बताया कि यह प्रणाली न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रियाओं को आसान बनाती है, जिससे न केवल सर्जरी की सफलता बढ़ती है, बल्कि मरीजों को राहत भी अधिक मिलती है। अब लोगों को रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट के लिए दिल्ली, चंडीगढ़ जैसे शहरों की ओर नहीं भागना पड़ेगा।
15 वर्षों में 1,500 से अधिक सफल सर्जरी कर चुके हैं डॉ. सोनी
डॉ. रितेश कुमार सोनी ने आईजीएमसी शिमला से एमबीबीएस और पीजीआई चंडीगढ़ से ऑर्थोपेडिक्स में एमएस किया है। उन्होंने हांगकांग और दक्षिण कोरिया से विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर इस क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल की है। 15 वर्षों के अनुभव में उन्होंने 1,500 से अधिक सफल जोड़ प्रत्यारोपण किए हैं और वर्तमान में 4 ऑर्थोपेडिक सर्जनों की टीम का नेतृत्व कर रहे हैं।
लॉन्च कार्यक्रम में जुटे स्वास्थ्य विशेषज्ञ और स्थानीय गणमान्य व्यक्ति
कोरी रोबोटिक प्रणाली के शुभारंभ के मौके पर स्थानीय गणमान्य लोग, स्वास्थ्य सेवा पेशेवर और अस्पताल स्टाफ मौजूद रहा। कार्यक्रम में डॉ. अनुज सोनी, डॉ. आशुतोष लखनपाल, एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर अतुल कुमार और श्रेया अभिषेक सहित अनेक विशिष्ट अतिथि शामिल हुए और सभी ने क्षेत्र के लिए इसे स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि बताया।
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