हमीरपुर जिले की देई का नोण पंचायत के पनियाला गांव में आज भारतीय सेना के जवान नायक सुशील कुमार की पार्थिव देह पहुंचने पर पूरा क्षेत्र गमगीन हो गया। तिरंगे में लिपटी शहीद की देह जैसे ही गांव पहुंची, लोगों की आंखें नम हो गईं।
हमीरपुर।
ड्यूटी के दौरान बिगड़ी तबीयत, इलाज के दौरान निधन
13वीं रेजिमेंट में तैनात नायक सुशील कुमार वर्तमान में सहजाबाद में अपनी सेवाएं दे रहे थे। ड्यूटी के दौरान अचानक चक्कर आने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। साथी जवानों ने उन्हें तुरंत सैन्य अस्पताल पहुंचाया, जहां से गंभीर स्थिति में उन्हें कमांडो अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
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परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
शहीद सुशील कुमार अपने पीछे पत्नी, एक बेटे और एक बेटी को छोड़ गए हैं। उनके भाई तिलक ने बताया कि 10 वर्ष पूर्व उनकी मां का निधन हुआ था और अब भाई की असमय मृत्यु ने परिवार को पूरी तरह तोड़ दिया है। गांव में शोक का माहौल है और हर आंख नम है।
गांव में उमड़ा जनसैलाब, लोगों ने दी अंतिम श्रद्धांजलि
गांव में शहीद के अंतिम दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ी। ग्रामीणों और परिजनों ने तिरंगे में लिपटे अपने वीर सपूत को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। क्षेत्र में गहरा शोक व्याप्त है और लोगों ने परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
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