मीडिया में प्रकाशित खबरों से उत्पन्न विवाद पर सहायक ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन ने पेश की सफाई, गाड़ी और शराब से जुड़े आरोपों पर दिया स्पष्ट पक्ष
नाहन
मीडिया रिपोर्टों के बाद सहायक ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का तथ्यों के साथ खंडन करते हुए मीडिया ट्रायल पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
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लग्जरी गाड़ी को लेकर दी सफाई
निशांत सरीन ने स्पष्ट किया कि जिन स्कॉर्पियो गाड़ी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, वह सेकंड हैंड थी और पंजाब से खरीदी गई थी। इस गाड़ी को फाइनेंस कराया गया था और उसकी किश्तें उनकी सेवानिवृत्त माता, जो शिक्षा विभाग में प्रिंसिपल थीं, द्वारा भरी जा रही थीं। उनके पिता भी मेडिकल विभाग से चीफ मेडिकल ऑफिसर के पद से रिटायर हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मंशा गलत होती, तो वह नई और महंगी गाड़ी खरीदते।
शराब पर L-50 लाइसेंस दिखाया गया
निशांत सरीन के घर से बरामद शराब को लेकर उठे सवालों पर उन्होंने बताया कि उनके पास निजी बार के लिए वैध एल-50 लाइसेंस है। कार्रवाई के समय एक्साइज विभाग भी मौके पर बुलाया गया था और लाइसेंस देखने के बाद उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि कोई अवैधता नहीं पाई गई। उन्होंने कहा कि ये शराब उनके निजी शौक का हिस्सा है और कुछ बोतलें उन्हें उपहार स्वरूप भी मिली थीं।
बैंक खातों और संपत्ति को लेकर दी जानकारी
बैंक लॉकर, नकद राशि और चंडीगढ़ स्थित मकान को लेकर मीडिया में जो बातें फैलाई गईं, उन पर निशांत ने कहा कि उनके परिवार की आर्थिक पृष्ठभूमि मजबूत है। सभी बैंक खातों की शुरुआत 1970 से लेकर 2000 तक की है। किसी भी लॉकर से बड़ी राशि या सोना नहीं मिला। उनके चंडीगढ़ के घर पर भी पंजाब नेशनल बैंक से 50 लाख रुपये का लोन चल रहा है जिसकी ईएमआई उनकी माता के बैंक खाते से कटती है।
पत्नी की फार्मा कंपनी से जुड़ाव के आरोपों को किया खारिज
उन्होंने पत्नी के किसी फार्मास्यूटिकल कंपनी से संबंध की बात को भी खारिज किया और कहा कि इस बारे में कोई भी प्रमाणिक दस्तावेज नहीं है। जो एफडी बैंक में जमा है, उसकी इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल की गई है, जिससे यह साबित होता है कि धन श्वेत है।
मानसिक दबाव और मीडिया ट्रायल पर जताई आपत्ति
निशांत सरीन ने यह भी कहा कि मीडिया के एकतरफा रवैये के कारण उन पर मानसिक दबाव बना। उच्च न्यायालय से उन्हें पहले ही कई मामलों में क्लीन चिट मिल चुकी है, इसके बावजूद केवल आरोपों को प्रमुखता दी गई जबकि उनका पक्ष किसी ने नहीं दिखाया। उन्होंने मीडिया से निष्पक्ष रिपोर्टिंग की अपील की और भरोसा जताया कि जांच एजेंसियों द्वारा मांगी गई जानकारी वे तथ्यों सहित पहले ही सौंप चुके हैं।
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