सदस्यता अभियान में बिखरी हुई नजर आई सिरमौर कांग्रेस

HNN/ नाहन

कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे सदस्यता अभियान के जिला स्तरीय कार्यक्रम में कांग्रेस बिखर गई है। जिला स्तरीय बैठक में कांग्रेस 100 से भी अधिक कांग्रेसियों को जुटा पाने में नाकामयाब रही। तो वही पूर्व कांग्रेस प्रदेश सचिव रहे नासिर रावत की अनदेखी किए जाने पर उन्होंने बैठक का ही बहिष्कार कर दिया।

नासिर रावत अपने चार पंचायत प्रतिनिधियों के साथ सदस्यता अभियान की बैठक को छोड़कर माजरा लौट गए। नासिर रावत का कहना है कि जो दिल में जगह ना दे सके वह संगठन में कैसे जगह दे सकेंगे। नासिर रावत का कहना है कि जिला सिरमौर में माइनॉरिटी की कांग्रेस का एक गुट पूरी तरह से अनदेखी करने में जुटा हुआ है।

जानकारी तो यह भी है कि कांग्रेस के एक और दिग्गज माइनॉरिटी नेता को भी मंच पर जगह नहीं दी गई। माइनॉरिटी की ओर से केवल इकबाल मोहम्मद मंच पर ही नजर आए। मगर यहां यह भी जानकारी है कि मंच संचालक के द्वारा इकबाल मोहम्मद को भी कोई खास तवज्जो नहीं दी गई।

सबसे बड़ी बात तो यह नजर आई की जिला सिरमौर कांग्रेस सदस्यता अभियान की पी आर ओ व पूर्व केंद्रीय मंत्री दीपा दास मुंशी तथा प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर की उपस्थिति के लिए 100 से अधिक कांग्रेसियों को जुटा पाने में भी असफल रही। यहां यह भी बता दें कि नासिर रावत नाहन विधानसभा के क्षेत्र के साथ-साथ पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र में भी माइनॉरिटी तथा सिख वोट बैंक में अच्छी पैठ रखते हैं।

नाहन विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे अजय सोलंकी को अपने क्षेत्र से अच्छी बढ़त भी दिलाई थी। यही नहीं पूर्व में जिला परिषद के चुनाव में नासिर रावत ने 9000 से भी अधिक वोट जुटाए थे। मंच पर उनको ना बुलाया जाना माइनॉरिटी के प्रमुख चेहरों को ना गवारा भी गुजरा।

यही नहीं जिला सिरमौर कांग्रेस के प्रमुख नेतृत्व को लेकर जिला का प्रमुख कांग्रेस धड़ा काफी नाराज भी चल रहा है। यही वजह रही कि कांग्रेस के प्रमुख प्रतिनिधि चेहरे तो सदस्यता अभियान की बैठक में नजर आए मगर उनके साथ उनके समर्थक मौजूद नहीं रहे। तो वही जिला सिरमौर कांग्रेस अपने स्तर पर दल और बल दोनों नहीं जुटा पाई।

हालांकि जिला सिरमौर में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व विधायक का एक बड़ा गुट काफी मजबूत स्थिति में है। मगर जिस तरह से जिला कांग्रेस को पुराने दिग्गज कांग्रेसियों को इस सदस्यता अभियान के लिए एक जिम्मेवारी के तहत जोड़ा जाना चाहिए था वह कहीं नजर नहीं आया। कहा जा सकता है जिला सिरमौर में कांग्रेस भले ही पांचों सीटों पर जीत के दावे कर रही हो मगर जिस तरीके से जिला सिरमौर कांग्रेस वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को जोड़ पान में असमर्थ नजर आ रही है उससे जिला सिरमौर भाजपा उत्साहित भी नजर आ रही है।


प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने आज सुबह ही पत्रकारों के साथ हुई अनौपचारिक बैठक में कांग्रेस की एकजुटता पर बड़ा प्रश्न चिन्ह भी लगाया था। पांवटा साहिब, नाहन तथा पच्छाद में 2022 के लिए कई दावेदारी जता रहे हैं। ऐसे में एकजुटता का पाठ पढ़ा पाने में भी नाकामयाब हो रही है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है जिला सिरमौर में चुनावी वर्ष की पहली सदस्यता अभियान की बैठक ने कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को जगजाहिर कर दिया है।

ऐसे में एकजुटता का पाठ पढ़ा पाने में भी नाकामयाब हो रही है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है जिला सिरमौर में चुनावी वर्ष की पहली सदस्यता अभियान की बैठक ने कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को जगजाहिर कर दिया है।


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