ऊना/वीरेंद्र बन्याल
शिक्षा ऋण योजना से मिलेगा आर्थिक सहारा
हिमाचल प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के युवाओं को तकनीकी और व्यवसायिक शिक्षा में प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षा ऋण योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। इस योजना के अंतर्गत 75 हजार रुपये तक का ऋण ब्याज मुक्त तथा 75 हजार से 1.5 लाख रुपये तक का ऋण 4 से 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है।
योजना के तहत छात्र के माता-पिता या अभिभावक को सह-ऋणी बनना अनिवार्य है। यह सुविधा उन्हीं परिवारों को दी जाती है जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपये से कम है। इस योजना के माध्यम से जेबीटी, एमबीबीएस, इंजीनियरिंग, होटल मैनेजमेंट, एमबीए, जीएएमएस, एमएस और नर्सिंग जैसे कोर्सों के लिए भी ऋण दिया जाता है। ऋण की अदायगी कोर्स पूरा होने के दो वर्ष बाद या नौकरी मिलने पर शुरू होती है।
नुक्कड़ नाटक से जागरूकता अभियान
यह जानकारी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से संबद्ध नाट्यदल पूर्वी कलामंच जलग्रां टब्बा ने बुधवार को अभियान के दूसरे चरण के तीसरे दिन हरोली उपमंडल के सलोह और दुलैहड़ में आयोजित गीत-संगीत और नुक्कड़ नाटक कार्यक्रमों के माध्यम से दी। कलाकारों ने ग्रामीणों को बताया कि यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने और अपने सपनों को साकार करने का अवसर प्रदान करती है।
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नशा निवारण पर दिया विशेष संदेश
कार्यक्रम के दौरान कलाकारों ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना, इंदिरा गांधी सुख सुरक्षा योजना जैसी अन्य कल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी। साथ ही नशा निवारण पर विशेष बल देते हुए कहा कि नशा समाज की गंभीर समस्या है, जिससे दूर रहकर ही एक स्वस्थ और प्रगतिशील समाज का निर्माण संभव है।
स्थानीय प्रतिनिधियों की उपस्थिति
इस अवसर पर सलोह की प्रधान अनीता जसवाल, दुलैहड़ के प्रधान नंद किशोर, वार्ड सदस्य पवन कुमार और पूनम कुमारी सहित अनेक स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे।
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