राजगढ़
राजकीय महाविद्यालय राजगढ़ में विद्यार्थियों की कार्य दक्षता, रचनात्मकता और कौशल विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक सप्ताह की कलात्मक काष्ठकला कार्यशाला का आयोजन किया गया।
यह कार्यशाला 15 से 21 नवंबर 2025 तक राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस.) इकाई तथा वृत्ति मार्गदर्शन एवं दिशा निर्देश प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
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कार्यशाला में कुल 23 विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। इस दौरान प्रतिभागियों ने न केवल लकड़ी पर कलात्मक कार्य करना सीखा, बल्कि अपनी रचनात्मक सोच, समस्या समाधान क्षमता तथा दलगत कार्य जैसे महत्वपूर्ण कौशलों का भी विकास किया।
इस कार्यशाला की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह रही कि इसमें बेकार पड़ी लकड़ी का उपयोग किया गया, जिसके माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया। विद्यार्थियों ने त्याज्य लकड़ी के इन टुकड़ों से विभिन्न सजावटी एवं उपयोगी वस्तुएँ तैयार कीं।
इसके अतिरिक्त, रंगमंच में उपयोग होने वाले कई प्रकार की मंच सामग्री — जैसे दीवारें, दरवाजे, खिड़कियाँ, संगीत वाद्ययंत्र तथा अन्य उपयोगी सेट सामग्री — भी विद्यार्थियों ने स्वयं निर्मित किए।
महाविद्यालय के प्राचार्य राजेंद्र वर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस कार्यशाला से न केवल व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त होगा, बल्कि सांस्कृतिक एवं पारंपरिक कला को समझने और संरक्षित करने का अवसर भी मिलेगा।
कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों के कार्यों की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसकी शिक्षकों और विद्यार्थियों द्वारा खूब सराहना की गई।
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