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मुख्यमंत्री ने विशिष्ट महाविद्यालयों की स्थापना की संभावना तलाशने के निर्देश दिएराज्य में शिक्षा ढांचे को सुदृढ़ बनाने के लिए नई पहलें होंगी

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शिमला : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शिक्षा विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए विज्ञान, कला और खेल जैसे विशिष्ट महाविद्यालयों की स्थापना की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है और लक्ष्य यह होना चाहिए कि प्राथमिक शिक्षा में नामांकित सभी बच्चे उच्च शिक्षा भी पूरी करें।

नए विषय और युक्तिकरण पर जोर
मुख्यमंत्री ने महाविद्यालयों और विभिन्न विषयों के युक्तिकरण पर बल देते हुए गहन अध्ययन करने को कहा, ताकि अगले सत्र से आवश्यक बदलाव लागू हो सकें। उन्होंने रोजगारोन्मुख नए विषयों की पहचान करने और महाविद्यालयों की ग्रेडिंग पूरी करने के निर्देश भी दिए, जिससे स्टाफ और बुनियादी ढांचे की कमी दूर की जा सके।

रिक्त पद भरने और स्थानीय विषय शामिल करने के निर्देश
सीएम सुक्खू ने शिक्षा विभाग में रिक्त पद शीघ्र भरने को कहा, ताकि पढ़ाई में कोई बाधा न आए। साथ ही उन्होंने स्कूली पाठ्यक्रम में राज्य-विशिष्ट विषय शामिल करने के निर्देश दिए, जिससे विद्यार्थी अपने परिवेश और राज्य की गहन जानकारी प्राप्त कर सकें।

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डे-बोर्डिंग स्कूल योजना में तेजी
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं, जिनमें से आठ स्थानों पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इसके अलावा 56 मौजूदा स्कूलों को डे-बोर्डिंग स्कूलों में स्तरोन्नत करने का प्रस्ताव भी विचाराधीन है, जहां बेहतर शैक्षणिक सुविधाएं, पौष्टिक आहार, खेल, योग और अन्य गतिविधियां उपलब्ध होंगी।

शिक्षा सुधारों के सकारात्मक नतीजे
सीएम ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों में किए गए सुधारों से सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। एएसईआर 2024 रिपोर्ट में विद्यार्थियों के पठन कौशल में उल्लेखनीय सुधार दर्ज हुआ है, जबकि एनएएस सर्वेक्षण के अनुसार हिमाचल ने 2021 में 21वें स्थान से छलांग लगाकर 2024 में देश में 5वां स्थान हासिल किया है।

सर्वांगीण विकास पर जोर
मुख्यमंत्री ने शिक्षण संस्थानों में मॉक टेस्ट को अनिवार्य बनाने और जीरो पीरियड लागू करने को कहा, ताकि विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके।

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