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सुक्खू सरकार का बड़ा फैसला: टीजीटी और जेबीटी नहीं जाएंगे टूर्नामेंट में

Shailesh Saini | 13 अगस्त 2025 at 8:46 am

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शारीरिक शिक्षकों की कमी पर ही मिलेगी अनुमति, कराटे को मिली जगह; शूटिंग को किया बाहर

हिमाचल नाऊ न्यूज़ शिमला

प्रदेश में अब टीजीटी और जेबीटी शिक्षकों को खेल प्रतियोगिताओं के लिए तभी भेजा जाएगा, जब स्कूल में कोई शारीरिक शिक्षक उपलब्ध न हो। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी स्कूल प्रबंधनों को कड़े निर्देश जारी किए हैं।

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यह फैसला बीते दिनों हुई हिमाचल स्कूल क्रीड़ा संगठन की वार्षिक बैठक में लिया गया है। इस निर्णय के तहत, ब्लॉक और जोनल स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए ही विशेष परिस्थितियों में अन्य शिक्षकों को अनुमति दी जाएगी।

यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि जिला, राज्य या राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में बिना निदेशालय की पूर्व स्वीकृति के किसी भी शिक्षक की प्रतिनियुक्ति की जाती है, तो इसके लिए संबंधित अधिकारी और अध्यापक स्वयं जिम्मेदार होंगे और उन पर कार्रवाई भी की जा सकती है।

बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी मुहर लगाई गई है। अब कराटे को हिमाचल स्कूल क्रीड़ा संगठन की खेल सूची में शामिल कर लिया गया है, जबकि शूटिंग को महंगा खेल मानते हुए सूची में जगह नहीं दी गई। इसके अलावा, योगा, कुरांश, शतरंज और ठोडा जैसी प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक से सम्मानित करने का प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित किया गया।

संगठन से एफिलिएशन प्राप्त करने वाली संस्थाओं के लिए 1000 रुपये की फीस जमा कराना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही, शिक्षकों की दक्षता बढ़ाने के लिए प्रवक्ता शारीरिक शिक्षा, डीपीई और पीईटी के लिए रिफ्रेशर कोर्स आयोजित करने की मांग पर भी सहमति बनी है।

बताया गया है कि समग्र शिक्षा अभियान के साथ इस विषय पर पहले ही पत्राचार किया जा चुका है और विभाग ने कोर्स करवाने का आश्वासन दिया है।बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अंडर-17 बालक एवं बालिका वर्ग की चयन प्रक्रिया पुरानी पद्धति से ही जारी रहेगी।

इसके अलावा, राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आधार से लिंक डिजिटल रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। स्कूलों से खेल संबंधी प्राप्त होने वाली फीस का 20 प्रतिशत हिस्सा जिला क्रीड़ा संगठनों द्वारा निदेशालय को अनिवार्य रूप से भेजा जाएगा। इन सभी फैसलों को अब जिलों में लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

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