चार माह की सघन कार्रवाई में उद्योग विभाग ने संवेदनशील क्षेत्रों में 900 से अधिक निरीक्षण कर 895 अवैध खनन मामलों का पर्दाफाश किया। इन पर 44.31 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया और कई स्थलों को तुरंत बंद कर दिया गया।
शिमला
900 निरीक्षण, 895 मामले और त्वरित जुर्माना कार्रवाई
उद्योग विभाग के निदेशक डॉ. यूनुस ने बताया कि अवैध खनन से न केवल खनिज संसाधनों का अनियमित दोहन होता है, बल्कि पर्यावरण, जल स्रोतों और बुनियादी ढांचे पर भी गंभीर असर पड़ता है। इस खतरे को देखते हुए विभाग ने नीतिगत सुधार, सघन निगरानी और त्वरित कार्रवाई का विशेष अभियान चलाया।
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संवेदनशील क्षेत्रों में सघन निगरानी
अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच भौमकीय शाखा ने सभी जिलों में नियमित गश्त के साथ खनन दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में 900 से अधिक निरीक्षण किए। इन अभियानों में नागरिकों की शिकायतों पर कार्रवाई भी शामिल रही। स्थानीय पुलिस, प्रशासन और तकनीकी विशेषज्ञों की संयुक्त भागीदारी से अभियान को मजबूती मिली।
जुर्माना, कानूनी कार्रवाई और स्थलों की बंदी
इस दौरान 895 अवैध खनन मामलों में 44.31 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया और कई स्थलों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया। कई मामलों में कानूनी कार्रवाई भी शुरू की गई, ताकि दोषियों को न्यायिक प्रक्रिया के तहत दंडित किया जा सके।
खनन अनुशासन में पारदर्शिता और तकनीकी सुधार
डॉ. यूनुस ने कहा कि खनिज संसाधनों का संरक्षण प्रशासनिक के साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी है। विभाग खनन अनुशासन को पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए कार्यरत है, ताकि खनिज संपदा का दोहन पूरी तरह नियमानुसार हो और अवैध गतिविधियां समाप्त की जा सकें।
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