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मुकेश अग्निहोत्री ने जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से नई दिल्ली में की मुलाकात

PARUL | 9 अगस्त 2023 at 12:49 pm

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HNN/शिमला

हिमाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से उनके कार्यालय श्रम शक्ति भवन, नई दिल्ली में मुलाकात की। अग्निहोत्री ने आह्वान किया कि राज्य जिस भारी प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है। उसे देखते हुए भारत सरकार को हिमाचल प्रदेश के बचाव के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को भारी वर्षा और बादल फटने के कारण राज्य को हुए अभूतपूर्व नुकसान के बारे में अवगत करवाया और बताया कि राज्य में पिछले 10 दशकों में ऐसी त्रासदी नहीं देखी गई।

उप मुख्यमंत्री ने प्रदेश में लगातार भारी वर्षा के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई जल आपूर्ति योजनाओं, सिंचाई और पानी से संबंधित बुनियादी ढांचे की बहाली के लिए धन की तत्काल आवश्यकता की बात भी रखी और कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से जल शक्ति विभाग को वर्तमान में लगभग 1630 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है तथा केंद्रीय मंत्री से हिमाचल प्रदेश में क्षतिग्रस्त जल बुनियादी ढांचे की तत्काल बहाली के लिए राज्य को उदार वित्तीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया गया।

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इसके अलावा जल जीवन मिशन के तहत क्षतिग्रस्त योजनाओं की बहाली और रेट्रोफिटिंग के लिए कम से कम 500 करोड़ रूपये अग्रिम राशि के रूप में जारी करने का निवेदन भी किया गया है। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि जल जीवन मिशन की जो योजनाएं 100 प्रतिशत क्षतिग्रस्त हो गई हैं उन पर नए सिरे से विचार किया जाना चाहिए और तदानुसार धनराशि जारी की जानी चाहिए।

अग्निहोत्री ने कहा कि बारिश से हालांकि पूरे प्रदेश में नुकसान हुआ है लेकिन सबसे अधिक तबाही जिला कुल्लू, मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा में ब्यास नदी के किनारे देखी गई। प्रदेश द्वारा ब्यास नदी के तटीकरण के लिए 1669 करोड़ रूपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट केंद्रीय जल विद्युत संस्थान (सीडब्ल्यूपीआरएस) पुणे द्वारा अध्ययन करने के उपरांत तैयार की गई है जो कि वर्तमान में भारत सरकार के केंद्रीय जल आयोग में समीक्षाधीन है।

उप मुख्यमंत्री द्वारा केंद्रीय मंत्री से इस परियोजना की जल्द मंजूरी देने का अनुरोध किया ताकि इस क्षेत्र के लोगों की जान-माल की सुरक्षा की जा सके। अग्निहोत्री ने ब्यास नदी के सामरिक महत्व को देखते हुए इसके तटीकरण के महत्व पर जोर दिया क्योंकि कुल्लू मनाली हवाई अड्डा, चण्डीगढ़ लेह राष्ट्रीय राजमार्ग इस नदी के तट पर स्थित है। उन्होंने यह कहा कि इस नदी के तटीकरण से कुल्लू और लाहौल घाटी से बागवानी उत्पादों के परिवहन के अलावा पर्यटकों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित होगी।

मुकेश अग्निहोत्री ने 643 करोड़ की फिना सिंह मध्यम सिंचाई परियोजना व जिला ऊना में स्वां नदी के तटीकरण के लिए 339 करोड़ रूपये की केंद्र द्वारा निवेश मंजूरी प्रदान करने के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया जो कि लंबे समय से लंबित पड़ी थी। उन्होंने इन परियोजनाओं को शुरू करने के लिए केंद्र द्वारा धनराशि उपलब्ध करवाने का आग्रह भी किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने केंद्र सरकार से कुटलैहड़ के बीत क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के अंतर्गत नई परियोजना की स्वीकृति तथा पीएमकेएसवाई के अंतर्गत चल रही योजनाओं के लिए धनराशि जारी करने का अनुरोध भी किया गया।

वर्तमान में ये प्रस्ताव भारत सरकार के पास अनुमोदन के लिए लंबित है। मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्रीय मंत्री को सूचित किया कि राज्य ने केंद्रीय मंत्री की हिमाचल यात्रा के दौरान प्रदेश के जीवंत गांव की तय की गई प्राथमिकताओं पर अनुवर्ती कार्यवाही की है जिसके लिए जल शक्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम ने एंटी फ्रीज जलापूर्ति प्रणाली का अध्ययन करने के लिए लेह और लद्दाख क्षेत्र का दौरा किया।

विभाग ने जनजातीय क्षेत्र में ऐसी 17 योजनाओं का 101.58 करोड़ रूपये का प्रस्ताव तैयार किया है और इन्हें जल जीवन मिशन के तहत मंजूरी देने का अनुरोध किया है। इसके अलावा जलापूर्ति योजनाओं की स्थिरता के लिए प्रत्यक्ष भूजल पुनर्भरण के लिए रूपये 452.60 करोड़ के 45 प्रस्तावों को भी जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत करने का आग्रह किया ताकि राज्य के जल संकटग्रस्त क्षेत्रों का पुनर्भरण किया जा सके।

मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्रीय मंत्री को यह भी अवगत करवाया कि किन्नौर जिले के चांगो क्षेत्र की सिंचाई योजना की विस्तृत रिपोर्ट समीक्षा के लिए एक नमूने के तौर पर केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) को समीक्षा के लिए भेजी गई है। इसके अतिरिक्त 61 करोड़ रूपये की 20 ऐसी सिंचाई योजनाओं के प्रस्ताव तैयार किए हैं जिन्हें नमूना रिपोर्ट की समीक्षा के बाद केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से प्राथमिकता के आधार पर इन परियोजनाओं के वित्त पोषण पर विचार करने का अनुरोध भी किया।

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