HNN/मंडी।
द्रंग विधानसभा क्षेत्र के पधर में 42 पंचायतों के लिए बना नागरिक अस्पताल पधर खुद वेंटिलेटर पर चल रहा है। मंडी-पठानकोट हाईवे से सटे इस अस्पताल में कोई भी विशेषज्ञ चिकित्सक स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैनात नहीं है। करीब पांच चिकित्सक सभी तरह के मरीजों का उपचार कर रहे हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ न होने से महिलाओं को परेशानी झेलनी पड़ रही है। हैरत की बात यह है कि यहां ऑपरेशन थियेटर तक की सुविधा नहीं है।
विभाग की ओर से करोड़ों रुपये अस्पताल भवन पर खर्च किए गए हैं। यहां पर गुम्मा, घटासनी, उरला, कोटरोपी, कुन्नू, द्रंग, मैगल सहित अन्य पंचायतों सहित द्रंग हलके की चौहारघाटी के दुर्गम क्षेत्र लोहारड़ी, थल्टूखोड, टिक्कन, बरोट आदि के लोग भी उपचार के लिए पहुंचते हैं। रोजाना दो सौ से अधिक ओपीडी वाले इस सरकारी अस्पताल में 50 बिस्तरों की सुविधा है लेकिन यहां पर प्रसव के लिए लेबर रूम की सुविधा जुगाड़ के सहारे चल रही है। पधर अस्पताल की बहुमंजिला इमारत में आपात सेवाओं में उपचार के लिए पहुंच रहे मरीजों के लिए रैंप सुविधा भी नहीं है।
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धरातल तक सीढ़ियां लांघते हुए मरीजों की सांसें फूल रही हैं। बीते दिनों सीने में अचानक तेज दर्द उठने पर जब एक महिला उपचार के लिए अस्पताल पहुंची तो सीढ़ियां चढ़ते ही उसकी मौत हो गई। बावजूद उसके भी स्वास्थ्य विभाग ने व्यवस्थाओं में सुधार लाने की जहमत नहीं उठाई। पधर अस्पताल में बेड सुविधा के अभाव के चलते रोगी वार्ड में एक बेड पर दो-दो मरीजों को उपचार दिलाना अस्पताल प्रशासन की मजबूरी बन गया है। हालांकि, दर्जा तो 50 बेड का है लेकिन अभी तक केवल 32 बेड ही हैं।
ऐसे में रोगी वार्ड में जब मरीज बढ़ जाते हैं तो एक बेड पर दो-दो मरीजों का उपचार करना चिकित्सकों के लिए मजबूरी बन जाता है। बीएमओ संजय महाजन ने बताया कि पधर अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति आने वाले समय में सुनिश्चित की जाएगी। बहरहाल पांच चिकित्सक मरीजों के उपचार के लिए तैनात हैं। आपात सेवाओं के लिए रैंप की सुविधा भी जल्द उपलब्ध करवाने के प्रयास जारी हैं। रोगी वार्डों में बेड सुविधा बढ़ाने का प्रस्ताव जिला स्वास्थ्य विभाग को भेजा जा रहा है।
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