HNN/सोलन
हिमाचल प्रदेश के सेब बागवानों को कालका-शिमला नेशनल हाईवे के अवरुद्ध होने से चार दिन में ही करीब 60 करोड़ का नुकसान हो चुका है। बागवानों का कहना है कि यदि अगले सप्ताह तक हाईवे को बहाल नहीं किया गया तो नुक्सान का आंकड़ा 60 से 100 करोड़ तक पहुंच जाएगा। मंडियों में सेब का समय पर न पहुंच पाना गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है।
हालांकि, सेब से भरे वाहनों को वैकल्पिक लंबे मार्गों से भेजा जा रहा है। मार्ग की दूरी बढ़ने से ट्रकों का किराया बढ़ गया है। जहां पहले ट्रक का किराया 18,000 रुपए आता था आज वही किराया ट्रक के वाया नाहन कालाअंब से होकर परवाणु जाने पर बढ़ कर 28,000 रुपए हो गया है। जिसका सीधा नुकसान बागवानों को उठाना पड़ रहा है।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group
संजीव भरांटा(परवाणू फल मंडी आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष) ने बताया कि एनएच बंद होने से किसानों-बागवानों की परेशानी बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि पिछले चार दिन में सेब कारोबार करीब 80 प्रतिशत तक प्रभावित हुआ है। संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान का कहना है कि मार्ग को बहाल करना केंद्र सरकार की भी जिम्मेदारी है।
कालका शिमला और चंडीगढ़ मनाली दोनों हाईवे बदहाल हैं। आपदा से सेब को बचाने के लिए चाहे सेना की ही मदद क्यों न लेनी पड़े, किन्तु मार्ग को जल्द ही बहाल करना चाहिए। तो वहीं हिमाचल प्रदेश आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश ठाकुर ने कहा कि मंडियों में सेब कम पहुंच रहा है और गुणवत्ता खराब हो रही है। खरीदारों को बाहरी राज्यों तक सेब पहुंचाना मुश्किल हो रहा है।
📢 लेटेस्ट न्यूज़
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!
Join WhatsApp Group





