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धर्मशाला में नशे से बचाव पर राज्य स्तरीय मंथन , रेडिसन ब्लू में विशेषज्ञों ने साझा किए अनुभव और रणनीतियाँ

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Himachalnow / धर्मशाला

धर्मशाला : नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) के तहत नशे की रोकथाम और इससे निपटने की रणनीतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए 28 फरवरी 2024 को धर्मशाला स्थित होटल रेडिसन ब्लू में राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया। यह सम्मेलन चंडीगढ़ प्रशासन के सामाजिक कल्याण विभाग और राज्य स्तरीय समन्वय एजेंसी (एसएलसीए) के सहयोग से आयोजित हुआ, जिसमें विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

सम्मेलन का उद्देश्य और उद्घाटन
इस सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य नशामुक्ति के प्रयासों की समीक्षा, चुनौतियों का विश्लेषण और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा करना था। इसका उद्घाटन चंडीगढ़ प्रशासन की सामाजिक कल्याण सचिव, अनुराधा चगती ने किया।

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एसएलसीए निदेशक संदीप परमार ने सम्मेलन के दौरान एनएमबीए के लक्ष्यों और इसके क्रियान्वयन में सामूहिक प्रयासों की भूमिका को रेखांकित किया। इसके बाद, चंडीगढ़ प्रशासन के सामाजिक कल्याण निदेशक पलिका अरोड़ा (पीसीएस) ने प्रशासन द्वारा नशामुक्ति के क्षेत्र में की गई सफल पहलों को प्रस्तुत किया।

नशामुक्ति के प्रयासों पर विशेषज्ञों की राय
मुख्य अतिथि अनुराधा चगती ने चंडीगढ़ में नशे के खिलाफ किए गए प्रयासों को साझा करते हुए कहा कि शिक्षण संस्थानों में स्थापित वाडा क्लब इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने सभी हितधारकों से एकजुट होकर नशामुक्त समाज के निर्माण में सहयोग देने की अपील की।

तकनीकी सत्र: समाधान और रणनीतियाँ
सम्मेलन के तकनीकी सत्र में नशामुक्ति से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा की गईं।

  • डॉ. आराधना मलिक (आईआईटी खड़गपुर) ने किशोरों और युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए प्रभावी रणनीतियों पर चर्चा की।
  • गुंजन संस्था के निदेशक विजय कुमार ने नशा मुक्त भारत अभियान के अगले दो वर्षों के विजन और कार्ययोजना को साझा किया। उन्होंने प्रवासी समुदाय और उनके बच्चों को इस अभियान में शामिल करने पर विशेष जोर दिया।
  • मनोचिकित्सक डॉ. विजय गिरिधर ने मानसिक स्वास्थ्य और नशे के बीच संबंधों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि तनाव प्रबंधन और आत्म-संयम इस समस्या से बचने के प्रमुख उपाय हैं। उन्होंने ‘ओवर रिस्पॉन्सिबिलिटी सिंड्रोम’ पर भी जानकारी दी, जिससे नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
  • डॉ. आराधना मलिक ने कार्य-जीवन संतुलन और विश्राम तकनीकों पर एक ज्ञानवर्धक सत्र भी आयोजित किया, जिसमें प्रतिभागियों को तनाव प्रबंधन के व्यावहारिक उपाय सिखाए गए।

सम्मेलन में शामिल प्रमुख हस्तियां
इस सम्मेलन में गुरजीत कौर (सामाजिक कल्याण विभाग), डॉ. विजय गिरिधर (स्वास्थ्य विभाग), डॉ. नेमी चंद (उच्च शिक्षा विभाग), सुश्री गुरप्रीत कौर (स्कूल शिक्षा विभाग), डॉ. सोमा साहू (क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, मॉडल जेल), श्री संदीप राणा (वरिष्ठ सहायक, सामाजिक कल्याण विभाग) सहित अनेक विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।

नशामुक्त समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
इस राज्य स्तरीय सम्मेलन में नशे से बचाव के लिए प्रभावी नीतियों और योजनाओं पर चर्चा हुई, जिससे भविष्य में समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की उम्मीद है।

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