दो दिनों तक चले अभियान में मत्स्य विभाग ने झील के कई क्षेत्रों में अवैध मछली शिकार और प्रतिबंधित जालों के उपयोग की जांच की। अधिकारियों ने कुल दस मामले दर्ज करते हुए मौके पर चालान काटे और बरामद मछली तथा जाल जब्त किए।
बिलासपुर
दो दिवसीय अभियान में अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर
मत्स्य विभाग बिलासपुर ने 3 और 4 दिसंबर को गोविंद सागर झील में सघन निरीक्षण अभियान चलाकर अवैध मछली शिकार, बिना लाइसेंस मछली पकड़ने और प्रतिबंधित जालों के उपयोग पर कार्रवाई की। टीम ने विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त निरीक्षण कर कुल 10 मामले दर्ज किए और मौके पर जुर्माना भी वसूला।
पहले दिन दर्ज हुए छह मामले, मछली और जाल जब्त
पहले दिन लाहड़ी फाट, नग्यर, चपलू और बकनाला क्षेत्र में कार्रवाई करते हुए विभाग ने 06 प्रकरण दर्ज किए। इनमें अवैध जाल परिवहन के दो और बिना लाइसेंस मछली पकड़ने के चार मामले शामिल थे। टीम ने 20 किलोग्राम मछली जब्त की जिसकी कीमत लगभग 2000 रुपए आंकी गई, जबकि मौके पर 3500 रुपए जुर्माना वसूला गया।
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दूसरे दिन चार नए मामले, अवैध अंडर-साइज नेट बरामद
4 दिसंबर को नकहड़ी, लैलाकुठी, डेहरी और डोगा क्षेत्रों में जांच आगे बढ़ाई गई। इस दौरान अवैध अंडर-साइज नेट से मछली पकड़ने के 4 मामले सामने आए। लैलाकुठी में एक व्यक्ति से मौके पर 1000 रुपए शुल्क लिया गया और लगभग 15 किलोग्राम अवैध जाल भी जब्त किया गया। टीम ने झील में स्थापित संरक्षण संरचनाओं का निरीक्षण भी किया।
फ्लाइंग स्क्वॉड की आज की कार्रवाई में भी अवैध परिवहन पकड़ा गया
आज 5 दिसंबर को बिलासपुर मंडल की फ्लाइंग स्क्वॉड टीम ने सिलघींक क्षेत्र में 16 किलोग्राम अवैध रूप से ले जाई जा रही मछली बरामद की। इस मामले में 2000 रुपए का चालान किया गया, जबकि जब्त मछली को 1600 रुपए मूल्य के साथ सरकारी खजाने में जमा करवाया गया।
भविष्य में और कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
विभाग ने स्पष्ट किया कि गोविंद सागर झील में अवैध मत्स्य गतिविधियों के खिलाफ शून्य सहनशीलता नीति लागू है। मत्स्य अधिकारी ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर आगे भी सख्त और नियमित कार्रवाई जारी रहेगी तथा स्थानीय समुदाय से नियमों के पालन की अपील की गई।
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