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कफ सिरप में जहर की पुष्टि: कोल्ड्रिफ से बच्चों की मौत के बाद हिमाचल की 5 फार्मा कंपनियां जाँच के घेरे में

Shailesh Saini | 5 अक्तूबर 2025 at 9:52 am

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हिमाचल नाऊ न्यूज़ शिमला/बद्दी।

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और राजस्थान में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामले में अब हिमाचल प्रदेश की पाँच दवा कंपनियों पर केंद्रीय और राज्य औषधि विभाग की कार्रवाई तेज हो गई है।

तमिलनाडु सरकार की प्रयोगशाला में हुए नवीनतम परीक्षणों ने इस बात की आधिकारिक रूप से पुष्टि कर दी है कि कोल्ड्रिफ सिरप (बैच संख्या SR-13) के नमूने में 48.6 प्रतिशत तक डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) नामक जहरीला रसायन पाया गया है, जिसके बाद मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और केरल सहित कई राज्यों ने इस सिरप की बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है।

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यह सिरप मूल रूप से तमिलनाडु की स्रेसन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित था, लेकिन सोलन और बद्दी की पाँच कंपनियाँ भी यही दवा मध्य प्रदेश के अस्पतालों को सप्लाई करती थीं, जिसके कारण अब इन पर शिकंजा कस गया है।

राज्य दवा नियंत्रक विभाग और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की एक संयुक्त तीन सदस्यीय टीम ने बद्दी और सोलन स्थित इन पाँचों दवा कंपनियों की उत्पादन इकाइयों का जोखिम-आधारित निरीक्षण किया है। टीम ने इकाइयों में संशोधित शेड्यूल-एम और गुड लैबोरेटरी प्रैक्टिस (GLP) के अनुपालन की स्थिति की बारीकी से जाँच की।

जाँच रिपोर्ट में पाया गया कि डाइएथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल जैसे जहरीले रसायन, जो सामान्यतः कूलेंट के रूप में उपयोग होते हैं, बच्चों की किडनी और दिमाग को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।

मध्य प्रदेश सरकार से पत्र मिलने के बाद हिमाचल ने त्वरित कदम उठाते हुए संदिग्ध उत्पादों की पहचान की और 13 सैंपल जाँच के लिए प्रयोगशाला भेज दिए। हालांकि, राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने कहा कि हिमाचल की लैब में जाँच के बाद नेक्सा डीएस सिरप सुरक्षित पाया गया है और बच्चों की मौत से हिमाचल की दवा का सीधा संबंध नहीं है।

इसके बावजूद, जन सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए नेक्सा डीएस खांसी की सिरप का उत्पादन तत्काल रोक दिया गया है और कंपनियों को संदिग्ध दवाओं को बाजार से रिकॉल करने के निर्देश दिए गए हैं।

एहतियातन कदम उठाते हुए इन पाँचों कंपनियों ने लिखित में यह निर्देश दिया है कि वे प्रोपाइलीन ग्लाइकोल और सॉरबिटॉल से बने अपने छह तरह के ओरल लिक्विड उत्पादों की बिक्री और वितरण को तत्काल प्रभाव से रोक देंगे।

राज्य दवा नियंत्रक ने उत्तर प्रदेश सहित उन सभी छह राज्यों के दवा नियंत्रक विभागों को भी निर्देश जारी किए हैं, जहाँ ये खांसी की दवाएं सप्लाई हुई थीं।

राज्य औषधि नियंत्रक मनीष कपूर ने कहा कि मामला गंभीर है और विभाग पूरी सख्ती से निगरानी कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक जाँच रिपोर्ट पूरी तरह से सुरक्षित नहीं बताती, तब तक इन उत्पादों की बिक्री और सप्लाई निलंबित रहेगी।

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