हमीरपुर जिले के ऊटपुर गांव की बेटी मनीषा ने रांची में आयोजित साउथ एशियन एथलेटिक्स गेम्स में 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर जीत दर्ज कर मनीषा ने न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है।
हमीरपुर
साधारण परिवार से उठकर अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंची मनीषा
हमीरपुर कॉलेज के सिंथेटिक ट्रैक की धाविका मनीषा ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद यह उपलब्धि हासिल की। उनके पिता रमेश चंद ट्रक ड्राइवर हैं और माता शीला देवी गृहिणी हैं। बचपन से ही खेलों में गहरी रुचि रखने वाली मनीषा ने मेहनत और अनुशासन के बल पर यह मुकाम पाया।
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राष्ट्रीय स्तर से अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण तक का सफर
दो वर्ष पहले मनीषा ने संगरूर में हुई ओपन एथलेटिक्स गेम्स में 400 मीटर दौड़ में 53.81 सेकंड का समय निकालकर स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद उन्होंने 64वीं नेशनल इंटर-स्टेट प्रतियोगिता में कांस्य, खेलो इंडिया में 400 मीटर रिले में कांस्य, अंडर-23 ओपन एथलेटिक्स में रजत तथा इंटर यूनिवर्सिटी में स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
कोच और परिवार की प्रेरणा से मिली सफलता
मनीषा ने बताया कि उनके कोच राजिंद्र सिंह की ट्रेनिंग और परिवार के समर्थन ने उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि उनका अगला लक्ष्य 2028 ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर स्वर्ण पदक जीतना है। मनीषा के पिता ने कहा कि बेटी की सफलता पूरे परिवार के लिए गर्व का क्षण है।
नशा मुक्त समाज की अपील
मनीषा ने युवाओं से नशे से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि जीवन में किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए मेहनत और आत्मविश्वास सबसे बड़ी कुंजी हैं। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने देखा कि नशा युवाओं को बर्बाद कर रहा है, और खेल ही ऐसी राह है जो युवाओं को सही दिशा में ले जा सकती है।
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