शिमला
छात्रों से हो रही भारी वसूली और प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ एसएफआई का विरोध
ज्ञापन सौंपा गया
हिमाचल प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों में पीटीए फंड के नाम पर हो रही अवैध वसूली और उसके दुरुपयोग के खिलाफ छात्र संगठन एसएफआई ने मोर्चा खोल दिया है। संगठन ने इस मुद्दे पर उच्च शिक्षा निदेशक को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें पीटीए फंड का पारदर्शी उपयोग सुनिश्चित करने और दुरुपयोग पर रोक लगाने की मांग की गई है।
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आरोप और वसूली का पैटर्न
एसएफआई ने आरोप लगाया है कि प्रदेश के कई कॉलेजों में छात्रों से पीटीए फंड के नाम पर 600 से 1000 रुपये तक वसूले जा रहे हैं। इससे कॉलेज प्रशासन लाखों रुपये की राशि इकट्ठा कर रहा है, लेकिन इस फंड का सही उपयोग नहीं किया जा रहा।
संजौली कॉलेज का उदाहरण
एसएफआई का कहना है कि संजौली कॉलेज में भी पीटीए फंड का गंभीर दुरुपयोग किया गया है। इसके समर्थन में संगठन ने आरटीआई के माध्यम से जुटाए गए आंकड़ों को आधार बनाया है, जिससे फंड की अनियमितताओं को उजागर किया गया है।
जांच और कार्रवाई की मांग
संगठन ने स्पष्ट रूप से मांग की है कि पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि पीटीए फंड छात्रों की भलाई के लिए होता है, न कि प्रशासनिक लापरवाही और निजी लाभ के लिए।
आंदोलन की चेतावनी
एसएफआई ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया और कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे प्रदेशभर के कॉलेजों में छात्रों को संगठित कर बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे।
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