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ऊना में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना से सैकड़ों निराश्रित बच्चों को नई सुरक्षा और भविष्य का आधार मिला

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ऊना जिले में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना ने दो वर्षों में निराश्रित बच्चों को शिक्षा, सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता का मजबूत आधार दिया है। योजना के विभिन्न प्रावधानों के तहत 3.63 करोड़ रुपये की सहायता जारी की गई, जिससे बच्चों को सम्मानजनक जीवन और स्वावलंबन का रास्ता मिला।

ऊना/वीरेंद्र बन्याल

योजना ने बदला असहाय बच्चों का जीवन
ऊना में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना ने अभिभावक-विहीन और असहाय बच्चों को नई दिशा दी है। आईसीडीएस विभाग के अनुसार, सामाजिक सुरक्षा मद में 294 बच्चों को 2 करोड़ 27 लाख रुपये से अधिक राशि दी गई, जिसने उनके जीवन में बुनियादी स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित की।

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शिक्षा और कौशल विकास के लिए व्यापक सहायता
उच्च शिक्षा के लिए 60 विद्यार्थियों को 26 लाख 44 हजार रुपये और व्यावसायिक प्रशिक्षण हेतु 35 युवाओं को लगभग आठ लाख रुपये प्रदान किए गए। कोचिंग सहायता, स्किल डेवलपमेंट और माइक्रो एंटरप्राइज के लिए भी कई बच्चों और युवाओं को वित्तीय सहयोग मिला, जिससे वे अपने भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में आगे बढ़ सके।

सामाजिक सहायता से मिला मजबूत संबल
योजना के सामाजिक घटकों में विवाह अनुदान, आवास निर्माण, त्योहार भत्ता और वस्त्र भत्ता शामिल हैं। अब तक 25 लाभार्थियों को 50 लाख रुपये और आवास निर्माण के लिए 23 परिवारों को 34 लाख रुपये उपलब्ध कराए गए। आफ्टर-केयर सेवाओं के तहत भी 28 लाभार्थियों को आवश्यक आर्थिक सहायता दी गई।

सुक्खू सरकार निभा रही असली अभिभावक की भूमिका
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सोच के अनुरूप राज्य सरकार अनाथ बच्चों को “चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट” के रूप में संपूर्ण संरक्षण दे रही है। बच्चों को 27 वर्ष की आयु तक शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन, वस्त्र, कोचिंग, आवास और पॉकेट मनी जैसी सभी सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

योजना का दायरा हुआ और व्यापक
सरकार ने हाल ही में योजना का विस्तार करते हुए ट्रांसजेंडर समुदाय, परित्यक्त बच्चों और एकल नारियों को भी इसमें शामिल किया है। एकल नारियों के लिए 2500 रुपये मासिक सामाजिक सुरक्षा राशि का प्रावधान किया गया है, जिससे उन्हें स्थायी आर्थिक सहारा प्राप्त हो सके।

प्रशासन का लक्ष्य—कोई भी पात्र बच्चा न रहे वंचित
उपायुक्त जतिन लाल ने कहा कि प्रशासन प्रत्येक पात्र बच्चे तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए पारदर्शिता व त्वरित कार्यप्रणाली के साथ कार्य कर रहा है। विभागीय समन्वय को मजबूत करते हुए सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी पात्र लाभार्थी योजना से बाहर न रह जाए।

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