आयुष विभाग ने राजकीय प्राथमिक पाठशाला पनोग में आयुर्वेद दिवस 2025 के उपलक्ष्य में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने बच्चों को आयुर्वेद, संतुलित आहार और स्वच्छता का महत्व विस्तार से बताया।
शिलाई
आयुर्वेद और पर्यावरण का संबंध
आयुर्वेदिक फार्मेसी अधिकारी राजेश ठाकुर ने कहा कि इस वर्ष की थीम “Ayurveda for People and Planet” मनुष्य और प्रकृति दोनों के लिए आयुर्वेद की महत्ता को दर्शाती है। आयुर्वेद न केवल रोगों के उपचार में कारगर है बल्कि यह प्राकृतिक संसाधनों के संतुलित उपयोग के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देता है।
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बच्चों को पोषण का संदेश
कार्यक्रम में बच्चों को संतुलित आहार की आवश्यकता समझाई गई। दालें, मौसमी फल, सब्जियां, दूध और अनाज को आहार में शामिल करने पर जोर दिया गया। साथ ही, जंक फूड और कृत्रिम खाद्य पदार्थों से दूर रहने की सलाह दी गई ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो।
स्वच्छता पर विशेष बल
बच्चों को व्यक्तिगत, घरेलू और सामाजिक स्वच्छता की अहमियत बताई गई। विशेषज्ञों ने कहा कि स्वच्छ वातावरण ही स्वस्थ समाज की नींव है। बच्चों ने संकल्प लिया कि वे आगे से अपने आहार, स्वास्थ्य और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देंगे।
कार्यक्रम में सहभागिता
कुल 130 लाभार्थियों ने कार्यक्रम में भाग लिया। बच्चों ने उत्साहपूर्वक प्रश्न पूछे और विषय पर गहरी रुचि दिखाई। अंत में विद्यालय के कार्यकारी केंद्रीय मुख्य अध्यापक केदार शर्मा ने आयुष विभाग का आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम को बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उपयोगी बताया।
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