Himachalnow / मंडी
हिमाचल में उच्च शिक्षा और तकनीकी नवाचार को मिलेगा नया आयाम
आईआईटी मंडी का विस्तार परिसर पालमपुर में
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पालमपुर । हिमाचल प्रदेश में उच्च शिक्षा और तकनीकी प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, आईआईटी मंडी अब पालमपुर में लगभग 52 हेक्टेयर भूमि पर अपना विस्तार परिसर स्थापित करेगा।
इस संबंध में घोषणा आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान सलाहकार (नवाचार, डिजिटल तकनीक और गवर्नेंस) गोकुल बुटेल ने पालमपुर में की।
विस्तार परिसर के लिए भूमि आवंटन और मंजूरी प्रक्रिया
गोकुल बुटेल, जो आईआईटी मंडी कैटालिस्ट (संस्थान के स्टार्टअप इनक्यूबेटर) के निदेशक मंडल में भी कार्यरत हैं, ने बताया कि उन्होंने पालमपुर में आईआईटी विस्तार परिसर स्थापित करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास किए।
इसके लिए भगोटला गांव में 22 हेक्टेयर भूमि पहले ही तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत आईआईटी मंडी को पट्टे पर आवंटित कर दी गई है, जबकि अतिरिक्त 31 हेक्टेयर भूमि के लिए केंद्र सरकार से एफसीए मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया जारी है।
पालमपुर का रणनीतिक महत्व
पालमपुर पहले से ही चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय (CSKHPKV) और सीएसआईआर-हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी संस्थान जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों का केंद्र है।
बेहतर कनेक्टिविटी के चलते यह एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान है। आगामी चार लेन राजमार्ग के पूरा होने के बाद पठानकोट ब्रॉड गेज रेलवे लाइन की यात्रा दो घंटे से भी कम समय में पूरी की जा सकेगी। इसके अलावा, धर्मशाला (गग्गल) हवाई अड्डे के विस्तार से इस क्षेत्र की पहुंच और भी आसान हो जाएगी।
तकनीकी और शैक्षणिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
आईआईटी मंडी का नया विस्तार परिसर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), ड्रोन टेक्नोलॉजी, सतत प्रौद्योगिकी (Sustainable Technology) और प्रबंधन पाठ्यक्रमों जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में विशेष पाठ्यक्रम प्रदान करेगा, जिससे नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
स्थानीय रोजगार के नए अवसर
शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ-साथ, यह परिसर स्थानीय रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगा, जिससे कुशल, अर्ध-कुशल और अकुशल विभिन्न स्तरों के लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
हिमाचल को उत्तरी भारत का टेक्नोलॉजी हब बनाने की पहल
गोकुल बुटेल ने कहा कि यह पहल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पालमपुर और कांगड़ा को उत्तरी भारत के एक प्रमुख टेक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित करने की दृष्टि को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह क्षेत्र को शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार का एक प्रमुख केंद्र बनाने में मदद करेगा।
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