Himachalnow/नाहन
आंगनबाड़ी वर्करज एवं हेल्पर्ज यूनियन संबंधित सीटू की बैठक रविवार को जिला मुख्यालय नाहन में शीला ठाकुर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में विशेष रूप से मौजूद सीटू के जिला महासचिव आशीष कुमार ने कहा कि एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) योजना, जिसे अब सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 कहा जाता है, ये अगले वर्ष 2025 में 50 वर्ष पूरे करने जा रही है।यह व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है कि पिछले वर्षों में सार्वभौमिक ICDS ने देश को मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के मुद्दों को संबोधित करने और बच्चों में कुपोषण को काफी हद तक कम करने में मदद की है, लेकिन अब भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है।
बैठक में आशीष कुमार के साथ साथ आंगनबाड़ी यूनियन की जिला उपाध्यक्ष देव कुमारी व श्यामा शर्मा ने कहा कि लगभग 14 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से करीब 25 लाख कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का निस्वार्थ समर्पित कार्य, देश और इसके विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन यह शर्म की बात है कि पांच दशकों से समर्पित कार्य के बाद भी इन्हें अब भी श्रमिकों के रूप में मान्यता नहीं दी गई है और वे मामूली से वेतन में जीवन यापन करने को मजबूर हैं, जो सरकार द्वारा परिभाषित वैधानिक न्यूनतम मजदूरी के पांचवें हिस्से से भी कम है।
उन्होंने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों को वेतन, किराया, टीए/डीए, वर्दी, आंगनबाड़ी केंद्रों में सुविधाओं के लिए राशि आदि का समय से न मिलना, गैर-आईसीडीएस अतिरिक्त काम जैसी विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। डिजिटलीकरण के नाम पर कार्यकर्ताओं को धमकी और उत्पीड़न जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है।आधार लिंकिंग और ई-केवाईसी के नाम पर अवैध तरीके से बाहर करने की धमकी दी जा रही है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि फरवरी माह में दिल्ली में होने वाले प्रदर्शन में जिला से हजारों की संख्या में यूनियन के लोग हिस्सा लेंगे। इसको लेकर रूपरेखा भी तैयार की गई। यूनियन पदाधिकारियों ने साफ-साफ कहा कि विभाग मिनी आंगनबाड़ी वर्कर्स का वेतन तुरंत प्रभाव से प्रदान करें और अच्छी गुणवत्ता वाले फोन दें और रिचार्ज के रेट में भी वृद्धि की जाए।बैठक में देव कुमारी, शमा, हास्ता, सुमित्रा, अंजू, अनिता, कमला, पूजा, आदि दर्जनों आंगनबाड़ी वर्कर्स मौजूद रहीं।