Himachalnow / Delhi
भारत और कुवैत के बीच पारंपरिक रूप से मजबूत और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं, जो साझा इतिहास, मजबूत व्यापारिक रिश्तों और सांस्कृतिक साझेदारी पर आधारित हैं। इस वर्ष, भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कुवैत की पहली राजकीय यात्रा 43 वर्षों बाद एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हो रही है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग को दर्शाती है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी 21-22 दिसंबर 2024 को कुवैत का दौरा करेंगे।
प्राचीन काल से मजबूत रिश्ते
भारत और कुवैत के रिश्ते सदियों पुराने हैं। जब कुवैत का आर्थिक तंत्र समुद्री व्यापार पर निर्भर था, तब भारत और कुवैत के बीच व्यापारिक संबंध स्थापित हुए थे। कुवैत से भारत को खजूर, अरब घोड़े और मोती मिलते थे, जबकि भारत से कुवैत को लकड़ी, अनाज, कपड़े और मसाले भेजे जाते थे। भारतीय रुपया कुवैत में 1961 तक कानूनी मुद्रा था, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों की स्थिरता का प्रतीक था।
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औपचारिक कूटनीतिक संबंध
भारत और कुवैत के बीच औपचारिक कूटनीतिक संबंध 1961 में स्थापित हुए थे। इसके बाद से दोनों देशों के बीच कई उच्चस्तरीय दौरे हुए हैं:
- भारत से: उपराष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन (1965), प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (1981), उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी (2009)
- कुवैत से: शेख सबा अल-आहमद अल-जाबेर अल-सबा (2006), प्रधानमंत्री शेख जाबेर अल-मुबारक अल-हमद अल-सबा (2013)
इसके अलावा, 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कुवैत के क्राउन प्रिंस के बीच न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान मुलाकात हुई थी। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने 18 अगस्त 2024 को कुवैत का दौरा किया।
आर्थिक सहयोग
कुवैत, भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है। 2023-24 वित्तीय वर्ष में, द्विपक्षीय व्यापार 10.47 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। कुवैत भारत का 6वां सबसे बड़ा कच्चे तेल आपूर्तिकर्ता है, जो भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं का 3% पूरा करता है। इसके अलावा, कुवैत निवेश प्राधिकरण (KIA) ने भारत में 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है।
सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंध
भारत और कुवैत के बीच सांस्कृतिक संबंध भी गहरे हैं। भारतीय संगीत, फिल्में और भोजन कुवैत में बहुत लोकप्रिय हैं। मार्च 2023 में कुवैत में भारतीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन किया गया, और अप्रैल 2024 में कुवैत राष्ट्रीय रेडियो पर हिंदी कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
शैक्षिक क्षेत्र में, कुवैत में 26 सीबीएसई स्कूल हैं, जिनमें 60,000 से अधिक छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इसके अलावा, 2024 में गल्फ यूनिवर्सिटी फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी में हिंदी चेयर की स्थापना भी की गई।
भारतीय समुदाय का योगदान
कुवैत में भारतीय समुदाय का आकार लगभग 1 मिलियन है, जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत है और भारत और कुवैत के बीच एक जीवित सेतु के रूप में कार्य करता है। दोनों देशों के बीच श्रमिकों की आवाजाही के लिए 2021 में एक द्विपक्षीय समझौता हुआ था, जो घरेलू श्रमिकों की भर्ती से संबंधित है।
संकट के समय सहयोग
COVID-19 महामारी के दौरान, भारत और कुवैत ने एक-दूसरे की मदद की। भारत ने कुवैत को चिकित्सा टीमें भेजीं, जबकि कुवैत ने भारत को 425 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन और 12,500 ऑक्सीजन सिलेंडर प्रदान किए।
ऊर्जा और विज्ञान सहयोग
कुवैत, भारत का 6वां सबसे बड़ा कच्चे तेल आपूर्तिकर्ता है और एलपीजी का चौथा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। दोनों देशों के बीच ऊर्जा साझेदारी भी मजबूत है। कुवैत भारतीय कृषि और विज्ञान संस्थानों के साथ सहयोग कर रहा है, जो ऊर्जा के क्षेत्र में सामूहिक प्रगति को सुनिश्चित करता है।
इस प्रकार, भारत और कुवैत के रिश्ते समय के साथ और भी प्रगति करते जा रहे हैं, और यह आगामी राजकीय यात्रा इन संबंधों को और मजबूती प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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