भारत में शिक्षा और प्रवेश परीक्षाओं की प्रक्रिया में 2025 से बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। इन बदलावों का उद्देश्य पारदर्शिता, सुरक्षा और दक्षता में सुधार करना है। आइए जानते हैं इन बदलावों की मुख्य बातें।
प्रमुख बदलावों की शुरुआत
हाई लेवल कमेटी की सिफारिशें
शिक्षा मंत्रालय द्वारा बनाई गई सात-सदस्यीय हाई लेवल कमेटी ने नीट-यूजी, जेईई-मेन जैसी परीक्षाओं में अनियमितताओं और पेपर लीक की घटनाओं के बाद बदलाव सुझाए।
- डिजी एग्जाम सिस्टम: यह नया सिस्टम परीक्षा प्रक्रिया में कदाचार को रोकने में मदद करेगा। इसमें उम्मीदवारों को हर परीक्षा के लिए अपना डेटा अपलोड करना होगा।
- एनटीए का पुनर्गठन: कमेटी ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के पुनर्गठन और इसकी कार्यप्रणाली में सुधार की सिफारिश की।
डिजी एग्जाम सिस्टम: एक नई शुरुआत
डिजी एग्जाम सिस्टम परीक्षा के दौरान पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।
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- डेटा वेरीफिकेशन: आवेदन प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों के डेटा को सत्यापित किया जाएगा।
- संचार में सुधार: इस प्रणाली से परीक्षा देने वाले उम्मीदवार और शैक्षिक कार्यक्रम में नामांकित उम्मीदवार के बीच संचार की खाई को पाटा जाएगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री की घोषणा
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एनटीए अब केवल प्रवेश परीक्षाओं के आयोजन पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- भर्ती परीक्षाएं एनटीए के दायरे से बाहर होंगी।
- परीक्षा केंद्रों की संख्या कम करते हुए सरकारी संस्थानों में नए केंद्र बनाए जाएंगे।
सुधार की दिशा में कदम
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं:
- कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT): सभी प्रवेश परीक्षाओं को कंप्यूटर आधारित बनाने का प्रस्ताव।
- हाइब्रिड मॉडल: जहां ऑनलाइन परीक्षाएं संभव नहीं, वहां डिजिटल ट्रांसफर मॉडल अपनाया जाएगा।
- मल्टी-स्टेज एग्जाम: जेईई की तरह नीट-यूजी के लिए भी कई चरणों में परीक्षा आयोजित होगी।
- कर्मचारियों की नियुक्ति: अस्थायी कर्मचारियों की जगह स्थायी कर्मियों की नियुक्ति पर जोर।
बदलाव की वजह
2024 की अनियमितताएं
नीट-यूजी 2024 के दौरान पेपर लीक और अनियमितताओं के कारण छात्रों और अभिभावकों में असंतोष बढ़ा।
- पेपर लीक की घटनाएं: गोधरा और झारखंड में पेपर लीक के मामलों ने हंगामा खड़ा किया।
- सीबीआई जांच: इन मामलों में 45 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने भी एनटीए को परीक्षा प्रक्रिया के पुनर्गठन का निर्देश दिया।
एनटीए के लिए नई संरचना
सशक्त शासी निकाय की आवश्यकता
कमेटी ने एनटीए के लिए एक मजबूत और उत्तरदायी प्रशासनिक ढांचे का सुझाव दिया:
- विशेषज्ञ मानव संसाधन: टेस्टिंग प्रक्रिया का नेतृत्व विशेषज्ञों द्वारा किया जाना चाहिए।
- जिम्मेदारियों का स्पष्ट विभाजन: एनटीए और अन्य एजेंसियों के बीच भूमिकाओं को परिभाषित करना आवश्यक।
- राज्य और जिला समन्वय: परीक्षा प्रशासन में स्थानीय अधिकारियों की भूमिका को मजबूती देना।
निष्कर्ष
साल 2025 से लागू होने वाले ये बदलाव भारतीय शिक्षा प्रणाली को नई दिशा देंगे। डिजी एग्जाम सिस्टम, सीबीटी, और मल्टी-स्टेज एग्जाम जैसे कदम परीक्षा प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाएंगे। यह छात्रों और अभिभावकों के भरोसे को पुनः स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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