मृतकों और घायलों की स्थिति
जयपुर में हुए भीषण अग्निकांड में मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 80 लोग घायल हुए हैं। इनमें से 30 की हालत बेहद गंभीर है। घायलों की स्थिति नाजुक होने के कारण मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका है।
शवों की पहचान की मुश्किलें
इस हादसे में कई शव इतनी बुरी तरह जल चुके हैं कि उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है। सरकार ने ऐसे शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय लिया है। मृतकों के डीएनए सैंपल जांच के लिए जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल की मोर्चरी से लिए गए हैं। अब तक 6 शव ऐसे हैं, जिनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है।
बस परमिट की वैधता पर सवाल
शुरुआती जांच में यह खुलासा हुआ है कि आग में जलकर खाक हुई बस का परमिट 16 महीने पहले ही खत्म हो चुका था। यह सवाल उठाता है कि बस कैसे चल रही थी और यह हादसा क्यों हुआ।
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हादसे का विवरण
दुर्घटना का समय और स्थान
यह हादसा 20 दिसंबर को सुबह करीब 6 बजे जयपुर-अजमेर हाईवे पर हुआ। एलपीजी टैंकर और ट्रक के बीच हुई जोरदार टक्कर के बाद धमाका हुआ। धमाके के बाद आग की लपटों ने वहां से गुजर रहे लगभग 40 वाहनों को चपेट में ले लिया।
भयावह दृश्य
इस हादसे के कई भयावह वीडियो सामने आए, जिनमें जिंदा जल चुके लोगों की खाक हो चुकी लाशें दिखाई दीं। घायलों की तस्वीरों में भी 50% से अधिक झुलसे हुए लोगों को इलाज के लिए ले जाते हुए देखा गया।
हादसे की जांच और कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट कमेटी का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी कमेटी ने राजस्थान के मुख्य सचिव से इस हादसे पर रिपोर्ट मांगी है। मुख्य सचिव सुधांश पंत के निर्देश पर हादसे की जांच के लिए एक संयुक्त जांच दल का गठन किया गया है। यह दल दुर्घटना के सभी पहलुओं और संबंधित निर्माण एवं विभागों की विस्तृत जांच करेगा। सुप्रीम कोर्ट कमेटी ने 20 जनवरी तक जांच रिपोर्ट मांगी है, हालांकि समिति अगले सप्ताह तक रिपोर्ट जमा करने की तैयारी कर रही है।
मुआवजे की घोषणा
राजस्थान सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपए और घायलों को 1 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है। केंद्र सरकार ने भी मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए देने का ऐलान किया है।
महिला कॉन्स्टेबल अनीता मीणा की मौत
इस हादसे में ड्यूटी से घर लौट रही राजस्थान पुलिस की 28 वर्षीय महिला कॉन्स्टेबल अनीता मीणा की मौत हो गई। उनके शव की पहचान उनके पैरों की बिछिया से की गई।
ऑटो चालक की कहानी
ऑटो चालक शत्रुघ्न ने बताया कि टक्कर के बाद हुए जोरदार धमाके में उसका चेहरा बुरी तरह झुलस गया। वह तुरंत अपना ऑटो छोड़कर भागा और किसी तरह अपनी जान बचाई।
निष्कर्ष
यह हादसा न केवल एक बड़ी मानवीय त्रासदी है, बल्कि यह यातायात सुरक्षा और वाहनों की वैधता जैसे मुद्दों पर गंभीर सवाल खड़े करता है। जांच और मुआवजे की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
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