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APAAR Card: बड़े काम का है अपार, स्टूडेंट्स की लाइफ को करेगा आसान, जानें इसके बारे में सब कुछ

हिमाचलनाउ डेस्क | 29 दिसंबर 2024 at 4:01 am

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Himachalnow / नाहन

एक बार अपार आईडी नंबर क्रिएट होने के बाद इसे बदला नहीं जा सकेगा। यह परमानेंट होगा। साथ ही यह वोटरआईडी कार्ड की तरह पूरे देश में मान्य भी होगा। शिक्षा मंत्रालय की ओर से इस आईडी कार्ड बनाने के पीछे उद्देश्य यह है कि हर स्टूडेंट की एक यूनिक आईडी हो जिससे हर छात्र का रिकॉड रखा जा सके।


अपार कार्ड: क्या है, इसके फायदे और यह किन राज्यों में लागू है?

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अपार कार्ड क्या है?

APAAR Card: अपार कार्ड में आधार कार्ड की तरह 12 अंकों का एक नंबर होता है। इस कार्ड में छात्रों की शैक्षिक उपलब्धियों, प्रमाणपत्रों के अलावा पर्सनल जानकारी भी शामिल होती है। जानिए अपार कार्ड के फायदे और यह किन राज्यों में लागू है।

अपार कार्ड की आवश्यकता और उद्देश्य

भारत सरकार की ओर से देश के नागरिकों के लिए विभिन्न कार्ड जारी किए जाते हैं, जो अलग-अलग जरूरतों के हिसाब से उपयोग किए जाते हैं। इन दस्तावेजों के बिना कई महत्वपूर्ण कार्य रुक सकते हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अपार कार्ड की शुरुआत

साल 2020 में लागू हुई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) के तहत सभी छात्रों को एक विशेष आईडी देने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, जिसे ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री कार्ड यानी अपार कार्ड (APAAR Card) कहा जाता है।

अपार कार्ड के लाभ

भारत सरकार द्वारा “वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी” के तहत यह कार्ड जारी किया जा रहा है। शिक्षा मंत्रालय ने इस कार्ड के जरिए सभी छात्रों के एजुकेशन रिकॉर्ड को 100 प्रतिशत इंटीग्रेट करने के लिए 2026-27 तक की डेडलाइन निर्धारित की है।

अपार कार्ड में शामिल जानकारी

अपार कार्ड में छात्रों की शैक्षिक उपलब्धियों, प्रमाणपत्रों के अलावा अन्य पर्सनल डिटेल्स जैसे ब्लड ग्रुप, ऊंचाई, वजन आदि की जानकारी भी होगी। यह सभी जानकारी ऑनलाइन इंटीग्रेटेड होगी।

अपार कार्ड का लाभ ट्रांसफर होने वाले छात्रों के लिए

अपार कार्ड का सबसे बड़ा फायदा उन छात्रों को होगा, जिनके माता-पिता की नौकरी के कारण उन्हें बार-बार एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर होना पड़ता है। इस कार्ड के जरिए ऐसे छात्रों को अपनी शैक्षिक जानकारी जमा करने में कोई समस्या नहीं होगी।

अपार कार्ड की तकनीकी जानकारी

अपार कार्ड में आधार कार्ड की तरह 12 अंकों की एक पहचान संख्या होगी। इसके अलावा, इसमें छात्रों की शैक्षिक जानकारी, स्कॉलरशिप और अन्य सर्टिफिकेट्स की जानकारी भी होगी। इसे डिजिलॉकर से भी कनेक्ट किया जा सकता है, और यह ऑनलाइन बनवाया जा सकता है।

अपार कार्ड का भविष्य और देशभर में लागू होने की योजना

भारत सरकार की योजना है कि 2026-27 तक पूरे देश में अपार कार्ड को लागू किया जाए। फिलहाल यह कार्ड दिल्ली, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में लागू हो चुका है, और धीरे-धीरे इसे अन्य राज्यों में भी चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

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