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हिमाचल की शिक्षा में बड़ी छलांग , स्कूलों में मोबाइल पर प्रतिबंध , डिजिटल मॉनिटरिंग और भर्तियों का रोडमैप

हिमांचलनाउ डेस्क नाहन | 13 दिसंबर 2025 at 6:41 pm

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हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था ने राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धि हासिल की है और व्यापक नीतिगत फैसलों के जरिए सरकार ने शिक्षा सुधारों की नई दिशा तय की है। डिजिटल मॉनिटरिंग, स्कूलों में मोबाइल पर प्रतिबंध और भर्तियों की घोषणा ने इस पहल को और प्रभावी बना दिया है।

शिमला

अत्याधुनिक शैक्षणिक अवसंरचना का लोकार्पण
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने समग्र शिक्षा निदेशालय में नव-निर्मित विद्या समीक्षा केंद्र, शिक्षा दीर्घा, कार्यक्रम प्रबंधन स्टूडियो, सम्मेलन क्षेत्र, नए सम्मेलन कक्ष और आधुनिक केंद्रीय ताप व्यवस्था का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि ये सुविधाएं प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्यप्रणाली को अधिक सक्षम बनाएंगी और प्रदेश में डिजिटल शिक्षा प्रबंधन के नए युग की शुरुआत करेंगी।

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राष्ट्रीय रैंकिंग में हिमाचल की बड़ी छलांग
मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते तीन वर्षों में शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का सकारात्मक परिणाम सामने आया है। राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा गुणवत्ता के आकलन में हिमाचल प्रदेश 21वें स्थान से सीधे पांचवें स्थान पर पहुंच गया है, जो शिक्षकों, विद्यार्थियों, अभिभावकों और सरकार की सामूहिक मेहनत का परिणाम है।

विद्या समीक्षा केंद्र से रीयल-टाइम मॉनिटरिंग
उन्होंने कहा कि विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से शिक्षण, मूल्यांकन, उपस्थिति, संसाधन प्रबंधन और विद्यालय संचालन से जुड़े आंकड़े अब एकीकृत डिजिटल मंच पर रीयल-टाइम उपलब्ध होंगे। ‘अभ्यास हिमाचल’, भू-स्थानिक तकनीक आधारित स्मार्ट उपस्थिति प्रणाली और ‘निपुण प्रगति’ जैसे नवाचारों से विद्यार्थियों की सीखने की प्रक्रिया का वैज्ञानिक विश्लेषण संभव हो पाया है।

शिक्षकों के लिए सशक्त डिजिटल मंच
मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘शिक्षक सहायक’ डिजिटल टूल शिक्षकों के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है, जिससे शिक्षण सामग्री, दिशा-निर्देश और संसाधन आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं। इससे शिक्षण गुणवत्ता में सुधार के साथ प्रशासनिक बोझ भी कम हुआ है।

स्कूलों में मोबाइल पर प्रतिबंध का बड़ा फैसला
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि आगामी शैक्षणिक सत्र से प्री-नर्सरी से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों द्वारा स्कूल परिसर में मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा। अध्यापक अपने मोबाइल फोन स्टाफ रूम या बैग में रख सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह निर्णय विद्यार्थियों के सीखने के माहौल को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।

भर्तियों और भविष्य की शिक्षा नीति का रोडमैप
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग में बड़े स्तर पर अस्थायी और स्थायी भर्तियां की जाएंगी। अस्थायी भर्तियां पांच वर्ष के लिए होंगी जबकि स्थायी भर्तियां बैच वाइज और प्रतिस्पर्धा के आधार पर की जाएंगी। मल्टी यूटिलिटी वर्कर्स की भर्ती भी प्रस्तावित है। साथ ही 2032 तक प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में देश के सर्वश्रेष्ठ स्कूल स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है।

क्लस्टर स्कूल और मुफ्त कोचिंग से गुणवत्ता पर जोर
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की साक्षरता दर 99.30 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। क्लस्टर स्कूल प्रणाली से संसाधनों का साझा उपयोग संभव हुआ है। मेधावी छात्रों के लिए जेईई और नीट की मुफ्त कोचिंग सुनिश्चित की गई है ताकि आर्थिक स्थिति किसी के भविष्य में बाधा न बने।

यूनेस्को के साथ समझौता और नवाचार पर फोकस
भविष्य उन्मुख शिक्षा प्रणाली के निर्माण के लिए हिमाचल प्रदेश ने यूनेस्को के साथ फ्यूचर्स प्रोग्राम के अंतर्गत समझौता किया है। इसका उद्देश्य शिक्षा में नवाचार, सतत विकास और वैश्विक सहभागिता को बढ़ावा देना है।

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