हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते 15 मार्च तक मौसम खराब बना रहने की संभावना है। वीरवार को प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है।
मौसम के बदले रंग, कई क्षेत्रों में हिमस्खलन
बुधवार को हिमाचल के कई क्षेत्रों में मौसम ने करवट ली। रोहतांग सहित ऊंची चोटियों पर बर्फबारी दर्ज की गई, जबकि चंबा और लाहौल घाटी में कई स्थानों पर हिमखंड गिरे। चंबा के पांगी क्षेत्र में कुमार सड़क पर बुधवार सुबह हिमखंड गिरने से सड़क अवरुद्ध हो गई। इसके अलावा, मनाली से लेकर लाहौल तक कई स्थानों पर हिमस्खलन की घटनाएं हुईं। मंगलवार देर रात को मनाली-केलांग हाईवे पर तेलिंग नाला में हिमस्खलन से मार्ग करीब दो घंटे अवरुद्ध रहा।
कई मार्ग बंद, ट्रांसफार्मर ठप
कुल्लू और लाहौल-स्पीति में स्थिति गंभीर बनी हुई है। कुल्लू में 16, लाहौल-स्पीति में 121 सड़कें अवरुद्ध हैं, जबकि बिजली के 27 ट्रांसफार्मर भी ठप हो गए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण ने कुल्लू, लाहौल-स्पीति, किन्नौर और चंबा जिलों में हिमखंड का अलर्ट जारी किया है।
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मैदानी इलाकों में बढ़ा तापमान
प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में बुधवार को दिन भर धूप खिली रही, जिससे तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई। बिलासपुर में अधिकतम तापमान 31.7 डिग्री सेल्सियस, ऊना में 30.5, कांगड़ा में 29.1, सुंदरनगर में 28.8, मंडी में 28.6, सोलन में 28.0, नाहन में 27.5, धर्मशाला में 26.0, भुंतर में 25.1, शिमला में 21.0 और मनाली में 17.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
अगले कुछ दिन चुनौतीपूर्ण
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक सतर्क रहने की सलाह दी है, विशेषकर उन इलाकों में जहां बर्फबारी और हिमस्खलन का खतरा अधिक है। वहीं, प्रशासन ने भी लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।
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