देव उठनी एकादशी, जो कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है, भगवान विष्णु की जागृति का पर्व है। यह दिन विशेष रूप से त्योहारों और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस दिन के बाद, चातुर्मास समाप्त होता है और शादी-ब्याह जैसी शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।
देव उठनी एकादशी की पूजा विधि
– इस दिन व्रत रखें और भगवान विष्णु की पूजा करें।– विशेष रूप से विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।– व्रति सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और एकादशी का व्रत रखें।– तुलसी के पत्तों के साथ भगवान विष्णु की पूजा करें।– दान-पुण्य करें और गरीबों को भोजन कराएं।
देव उठनी एकादशी का धार्मिक महत्व
देव उठनी एकादशी पर व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है और धर्म का मार्ग मिलता है। इसे मुक्ति प्राप्ति का दिन भी माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष कृपा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
एकादशी के दिन विशेष पूजा सामग्री
– तुलसी के पत्ते, दीपक, घी का दीपक, फल और फूल– पानी, कर्पूर, और साबूदाना– विष्णु सहस्रनाम या श्री कृष्णा मंत्र का जाप– पूजा के दौरान साफ-सुथरे वस्त्र पहनें।
देव उठनी एकादशी के बाद के अवसर
देव उठनी एकादशी के बाद से विवाह, घर की पूजा, और अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। यह समय शादी-ब्याह के लिए शुभ माना जाता है और लोग विवाह समारोह की शुरुआत करते हैं। साथ ही, इस दिन से कार्तिक माह के अन्य पर्वों की भी शुरुआत होती है।