शिमला: हिमाचल प्रदेश में पटवारी-कानूनगो की हड़ताल समाप्त हो गई है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के साथ बुधवार को हुई बैठक में मांगों पर सहमति बनने के बाद संयुक्त पटवारी-कानूनगो महासंघ ने बिना शर्त पेन डाउन हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया।
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बैठक में क्या हुआ तय?
- बैठक विधानसभा परिसर स्थित कमेटी रूम में आयोजित की गई थी।
- सरकार ने स्पष्ट किया कि राज्य कैडर लागू रहेगा, लेकिन जब तक भर्ती एवं पदोन्नति नियम (R&P Rules) नहीं बदलते, तब तक पुरानी पदोन्नति व्यवस्था ही लागू रहेगी।
- सरकार ने यह भी आश्वासन दिया कि पदोन्नति प्रक्रिया पर राज्य कैडर का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
- संघ की अन्य मांगों पर भी बैठक में सकारात्मक चर्चा हुई।
राजस्व मंत्री जगत नेगी का बयान
- बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई।
- राज्य कैडर की अधिसूचना को लेकर महासंघ को समझने में समय लगा।
- मंत्री ने कहा, “बलवान कमेटी की सिफारिशों के तहत कई मांगें पहले ही पूरी हो चुकी हैं और शेष पर भी विचार किया जा रहा है।”
- जब तक नए R&P रूल्स नहीं बनते, पदोन्नति पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
महासंघ का बयान
- महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा, “हम राज्य कैडर को लेकर अविश्वास की स्थिति के कारण हड़ताल पर थे। लेकिन सरकार के आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया गया है।”
- उन्होंने कहा, “हमारी हड़ताल के कारण जिन लोगों को परेशानी हुई है, उनसे माफी मांगते हैं।”
क्या है पूरा मामला?
- पटवारी और कानूनगो 28 फरवरी से राज्य कैडर के विरोध में हड़ताल पर थे।
- कर्मचारियों का कहना था कि राज्य कैडर लागू होने से उनकी पदोन्नति प्रक्रिया प्रभावित होगी।
- हड़ताल से राजस्व विभाग के कार्य बाधित हो गए थे, जिससे आम लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा।
- सरकार ने गहन चर्चा के बाद यह स्पष्ट किया कि नए R&P रूल्स के लागू होने तक पुरानी व्यवस्था ही बनी रहेगी।
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