Himachal Flash Flood : बादल फटने से मंडी जिले के कई गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। स्याठी गांव जलप्रलय की चपेट में आ गया, जहां से 61 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, लेकिन अब भी 34 लोग लापता हैं। प्रदेशभर में 245 से अधिक सड़कें बंद हैं और कई क्षेत्र प्रशासन की पहुंच से बाहर हैं।
मंडी
सुरक्षा बलों की मदद से राहत कार्य जारी, प्रभावितों को सीएम ने दी सहायता
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बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही
मंडी के धर्मपुर, थुनाग, जंजैहली और सराज इलाकों में भारी बारिश और बादल फटने से तबाही मच गई है। कई सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं, जिससे प्रभावित गांवों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। स्याठी गांव बाढ़ में बह गया, और 34 लोग अभी तक लापता हैं। करसोग, गोहर और सराज के कई गांवों में राहत अभियान अब भी नहीं पहुंच सका है।
मुख्यमंत्री का हवाई सर्वेक्षण और राहत वितरण
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वायुसेना के हेलीकॉप्टर से थुनाग और जंजैहली क्षेत्रों का दौरा किया और स्वयं राहत सामग्री वितरित की। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए कि हवाई मार्ग से जल्द से जल्द बाकी किट भी पहुंचाई जाएं। बुधवार को 172 राहत किट वितरित की गईं। साथ ही दो गर्भवती महिलाओं को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया गया।
संचार, बिजली और पानी की सेवाएं ठप
सराज घाटी समेत कई क्षेत्रों में तीसरे दिन भी संचार, बिजली और पानी की सेवाएं बंद हैं। इससे राहत और खोज अभियानों में भारी दिक्कतें आ रही हैं। स्यांज से बहे दो शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं, लेकिन कई गांवों में अब तक प्रशासन नहीं पहुंच पाया है।
सीएम का विशेष पैकेज और आपदा पर बयान
मुख्यमंत्री ने स्याठी गांव के लोगों को भरोसा दिलाया कि पुनर्निर्माण के लिए विशेष पैकेज और मवेशियों की हानि के लिए बढ़ा हुआ मुआवजा मिलेगा। उन्होंने जलवायु परिवर्तन को बादल फटने जैसी आपदाओं का कारण बताते हुए वैज्ञानिक अध्ययन की आवश्यकता पर बल दिया।
बारिश का येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी
प्रदेश में फिलहाल थोड़ी राहत है, लेकिन मौसम विभाग ने 4 जुलाई को येलो और 5 से 7 जुलाई तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इससे हालात और बिगड़ सकते हैं।
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