बादल फटने के बाद करसोग के पुराने बाजार, पंजराट, कुट्टी, सकरोल और अन्य गांवों में पानी और मलबे ने भारी तबाही मचाई। तेज बहाव के बीच कई मकान, दुकानें और वाहन बह गए। लोग पूरी रात डर के साए में गुजारते रहे और सुबह राहत के रूप में रेस्क्यू हुआ।
करसोग
अंधेरे में घिरे लोगों ने रातभर डर और दहशत में काटी रात
सोमवार रात करसोग के कई हिस्सों में बादल फटने के बाद भारी बारिश और मलबे का कहर टूटा। अचानक तेज बहाव और अंधेरे में फंसे लोग सहम गए। चीख-पुकार मच गई और प्रशासन को रेस्क्यू के लिए मशक्कत करनी पड़ी। लोगों का कहना है कि उन्हें दूसरी जिंदगी मिली है, क्योंकि उस रात एक पल को लगा कि सब खत्म हो जाएगा।
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सकरोल में ढाबा, मकान और गाड़ियां बहीं, दो करोड़ का नुकसान
सकरोल निवासी कामेश्वर ने बताया कि रात करीब 11 बजे हल्का पानी आया, लेकिन जल्द ही बहाव तेज हो गया। उसका ढाबा, तीन मकान, अन्य ढाबे और कई वाहन पानी की चपेट में आ गए। कुल मिलाकर उसे करीब दो करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
कुट्टी और पंजराट में चारों ओर मलबा, महिलाएं मदद के लिए चिल्लाईं
कुट्टी गांव के तेतू ने बताया कि रात 12 बजे से पहले पानी और फिर पत्थरों का बहाव शुरू हुआ, जिससे पूरे इलाके में मलबा भर गया। कई दुकानों और मकानों को नुकसान पहुंचा। पंजराट में रिश्तेदार के घर गए चेतन ने बताया कि पानी ने कई घरों को चपेट में ले लिया और रिक्की गांव से सात लोगों को रेस्क्यू कर निकाला गया।
मतिधर, भडारणू में नाले ने उड़ा दी सड़क और खेत
पुराना बाजार करसोग के मतिधर ने बताया कि अचानक आई बारिश ने पूरे घर को चपेट में ले लिया। जैसे-तैसे लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया। भडारणू पंचायत के प्रधान दिलीप कुमार ने बताया कि उनके घर के पास बहता नाला इतनी रफ्तार से आया कि खेत बह गए और सड़क पूरी तरह से खत्म हो गई।
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