प्रतिनिधिमंडल ने बताया, मलकियत से जलाने की लकड़ी बेचने पर प्रतिबंध से परिवारों की आर्थिक स्थिति पर पड़ा असर ; परमिट प्रक्रिया को सरल बनाने की भी मांग
शिमला : प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में आज किसानों और कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बीच एक अहम बैठक हुई। हमीरपुर, कांगड़ा, ऊना और चंबा जिलों के किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी समस्याओं को लेकर प्रतिभा सिंह से मुलाकात की। किसानों ने मलकियत से फ्यूल वुड (जलाने की लकड़ी) काटने और इसे बाहर बेचने पर लगी रोक को हटाने की मांग उठाई।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि सरकार द्वारा वर्षों से उन्हें यह अधिकार दिया गया था कि वह अपनी भूमि से जलाने की लकड़ी काटकर, सरकार को टैक्स देकर इसे बेच सकते हैं। यह उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत था। लेकिन हाल ही में जारी एक अधिसूचना के तहत, इस लकड़ी को बाहर भेजने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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किसानों ने इस प्रतिबंध के कारण हो रही समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ा है, बल्कि सरकार को भी राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह केवल जलाने की लकड़ी काटते हैं, जिसका कोई इमारती महत्व नहीं है, और जितने पेड़ काटते हैं, उससे अधिक संख्या में नए पेड़ लगाते हैं।
किसानों ने यह भी मांग की कि फ्यूल वुड के परमिट जारी करने का अधिकार पहले की तरह वन परिक्षेत्र अधिकारी या रेंज अधिकारी को दिया जाए। वर्तमान में यह अधिकार मंडल वन अधिकारी के पास है, जिनका कार्यालय किसानों के गांवों से काफी दूर स्थित है। इससे उन्हें परमिट लेने में काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
प्रतिभा सिंह ने किसानों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उन्हें आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे को प्रदेश सरकार के समक्ष उठाएंगी। उन्होंने किसानों को उनकी समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द कराने का वादा किया।
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