मोटरसाइकिल और कारों के नंबर पर दिखाया गया टैंकर का भुगतान, विजिलेंस ने लिया रिकॉर्ड कब्जे में
हिमाचल प्रदेश के ठियोग क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति से जुड़े बड़े घोटाले की परतें खुलने लगी हैं। विजिलेंस जांच के तहत एएसपी नरवीर सिंह राठौर के नेतृत्व में एक टीम ने ठियोग पहुंचकर निलंबित इंजीनियरों, ठेकेदारों और चालकों से पूछताछ की। टीम ने वाहनों की लॉग बुक और संबंधित रिकॉर्ड भी कब्जे में ले लिया।
घोटाले का विवरण:
बीते वर्ष फरवरी से जून के बीच सूखे के कारण ठियोग उपमंडल में पानी की आपूर्ति टैंकरों के माध्यम से ठेके पर दी गई थी। आरोप है कि कई जगह पानी की आपूर्ति नहीं हुई, लेकिन ठेकेदारों को भुगतान कर दिया गया। इसके अलावा, टैंकरों के जो नंबर दिए गए, वह असल में मोटरसाइकिल और कारों के निकले। इन गड़बड़ियों के सामने आने के बाद ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया गया और इंजीनियरों को निलंबित कर जांच शुरू की गई।
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विजिलेंस की कार्रवाई:
विजिलेंस टीम ने सहायक अभियंता और जूनियर इंजीनियरों के बयान दर्ज किए। पूछताछ में दावा किया गया कि कार्यालय के कर्मचारियों ने गलती से टैंकर की जगह मोटरसाइकिल और कारों के नंबर दर्ज कर दिए। टीम ने गहराई से मामले की जांच करते हुए सभी संबंधित रिकॉर्ड जब्त कर लिए हैं। मामले में विभागीय कर्मचारियों की संलिप्तता के साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
निलंबित अधिकारी:
जल शक्ति विभाग के 10 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है, जिनमें 2 अधिशासी अभियंता, 3 सहायक अभियंता, 4 कनिष्ठ अभियंता और एक सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता शामिल हैं। इनमें से एक अधिकारी की मृत्यु हो चुकी है।
विजिलेंस अब मामले की हर पहलू से जांच कर रही है । इस घटना ने क्षेत्र में प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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