दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) ने अपने पोस्टग्रेजुएट (PG) कोर्सों में सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए आरक्षण कोटा लागू करने की योजना बनाई है। यह कदम खासतौर पर उन लड़कियों के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है, जो अपनी उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी का रुख करने का मन बना रही हैं। आइए जानते हैं इस नए कोटा के बारे में विस्तार से।
यूजी में पहले से है आरक्षण कोटा
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने पहले ही अपने अंडरग्रेजुएट (UG) कोर्सों में सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटा लागू किया हुआ है। इस नीति के तहत, हर एक यूजी कोर्स में एक सीट सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए आरक्षित की जाती है। यह व्यवस्था 2023-24 एडमिशन सत्र से लागू हुई थी, और इस वर्ष 69 कॉलेजों में कुल 764 छात्रों को इस कोटे के तहत प्रवेश मिला।
पीजी कोर्सों में सिंगल गर्ल चाइल्ड आरक्षण का प्रस्ताव
दिल्ली यूनिवर्सिटी अब इसी कोटे को पोस्टग्रेजुएट (PG) कोर्सों में भी लागू करने की योजना बना रही है। 2025-26 अकादमिक सत्र से दिल्ली यूनिवर्सिटी के सभी पीजी कोर्सों में सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए एक सीट आरक्षित करने का प्रस्ताव है। इस पर शुक्रवार को एकेडमिक काउंसिल की बैठक में चर्चा होनी है।
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कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) और सीएसएएस के तहत पीजी प्रवेश
डीयू में पोस्टग्रेजुएट कोर्सों में प्रवेश कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के माध्यम से होता है, और इसके बाद कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (CSAS) द्वारा सीटों का आवंटन किया जाता है। 2023-24 के एडमिशन सत्र में, 90 हजार से अधिक छात्रों ने डीयू के 13,500 पीजी सीटों के लिए आवेदन किया था।
77 पीजी कोर्सों में लागू हो सकता है नया आरक्षण कोटा
अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो यह नया आरक्षण कोटा दिल्ली यूनिवर्सिटी द्वारा पेश किए जाने वाले सभी 77 पीजी कोर्सों में लागू होगा। इसके साथ ही, यूनिवर्सिटी अन्य श्रेणियों के तहत भी सीटें आरक्षित करती है, जैसे कि स्पोर्ट्स, विकलांग व्यक्ति (पीडब्ल्यूडी), सशस्त्र बलों के कर्मियों के बच्चे, विधवाएं और अनाथ बच्चे।
उच्च शिक्षा में सिंगल गर्ल चाइल्ड को प्रोत्साहन
इस नए आरक्षण कोटे के जरिए दिल्ली यूनिवर्सिटी का उद्देश्य सिंगल गर्ल चाइल्ड को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है। अधिकारियों का कहना है कि यह पहल सिंगल चाइल्ड के लिए समर्थन बढ़ाने का एक प्रयास है, ताकि वे आसानी से शिक्षा प्राप्त कर सकें और भविष्य में बेहतर अवसरों का लाभ उठा सकें।
निष्कर्ष: एक सकारात्मक कदम
दिल्ली यूनिवर्सिटी का यह कदम सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित हो सकता है, खासकर उन छात्रों के लिए जो उच्च शिक्षा में प्रवेश लेने का सपना देख रहे हैं। इस आरक्षण कोटा से न केवल लड़कियों को शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसर मिलेंगे, बल्कि यह समाज में लैंगिक समानता को भी बढ़ावा देगा।
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